Monday, November 11, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयजहाँ इजरायली महिला को बंधक बना कर रखा, वो निकला 'अल जज़ीरा' पत्रकार का...

जहाँ इजरायली महिला को बंधक बना कर रखा, वो निकला ‘अल जज़ीरा’ पत्रकार का घर: कहने को ‘मीडियाकर्मी’ लेकिन हमास ने बना रखा था प्रवक्ता

यह पहली बार नहीं है जब गाजा के नागरिक आतंकवादी संगठनों की ओर से अपने घरों में बंधकों को रख रहे थे। हमास के हमले के बाद IDF द्वारा रिहा कराकर लाए बंधकों ने भी कहा था कि गाजा पट्टी के आसपास नागरिक घरों में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया था।

यूरोप में रहने वाले फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के एक कार्यकर्ता रामी अब्दु ने अनजाने में खुलासा कर दिया है कि इजरायली बंधकों को रखने वाला एक व्यक्ति अमेरिका स्थित कर-मुक्त संगठन के लिए काम कर चुका है। इतना ही नहीं, 26 साल की इजरायली महिला बंधक नोआ अरगामनी को अल जजीरा के पत्रकार के घर बंधक बनाकर रखा गया था।

यूरो-मेड मानवाधिकार निगरानी संस्था के प्रमुख रामी अब्दु ने अपने व्यक्तिगत एक्स अकाउंट पर दो पोस्ट किए। उनमें से एक में रामी ने 36 वर्षीय ‘पत्रकार’ अब्दुल्ला अलजमाल और उसकी बीवी फातिमा का नाम उन लोगों में लिया, जिन्हें इजरायल की सुरक्षा एजेंसी आईडीएफ के जवानों ने नुसेरात में कार्रवाई के दौरान मार डाला था। यहीं इजरायली बंधकों को रखा गया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की एक बंधक नोआ अरगामनी को कतर की मीडिया हाउस अल जजीरा के पत्रकार अब्दुल्ला अलजमाल के घर में रखा गया था। गाजा स्थित अब्दुल्ला अलजामल अल जजीरा और फिलिस्तीन क्रॉनिकल के लिए जर्नलिस्ट के तौर पर काम करता था। बता दें कि अल जजीरा पर इस्लामी आतंकी संगठनों के प्रति नरम रूख अपने और उन्हें मदद पहुँचाने के आरोप लगते रहे हैं।

आगे के शोध से पता चला है कि अलजमाल ने फिलिस्तीन क्रॉनिकल के लिए काम किया था। इसे अल-जजीरा के पूर्व अधिकारी रमजी बरौद के नेतृत्व में चलाया जा रहा था और यह आतंकी संगठन हमास का समर्थक था। यह पीपल मीडिया प्रोजेक्ट के तत्वावधान में काम करता था, जो कि 2012 से ओलंपिया, वाशिंगटन राज्य में पंजीकृत एक 501 (सी) 3 संगठन है।

अलजमाल कतर के मुखपत्र और हमास आतंकियों के समर्थक अलजजीरा के लिए भी लिखता था। इसके साथ ही वह हमास के श्रम मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में भी काम कर रहा था। रविवार (9 जून 2024) की सुबह अल जजीरा ने इस बात से इनकार किया कि अलजमाल को संगठन द्वारा नियोजित किया गया था। इसने कहा कि अफवाहें असत्य और निराधार हैं।

यह पहली बार नहीं है जब गाजा के नागरिक आतंकवादी संगठनों की ओर से अपने घरों में बंधकों को रख रहे थे। हमास के हमले के बाद IDF द्वारा रिहा कराकर लाए बंधकों ने भी कहा था कि गाजा पट्टी के आसपास नागरिक घरों में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

साकेत गोखले ने जहाँ बंद करवाया जागरण, वहाँ भजनों के बिना हुई आरती, भंडारा में भी आने से डर रहे थे स्थानीय: ऑपइंडिया से...

दिल्ली में जहाँ TMC सांसद साकेत गोखले ने रुकवाया दुर्गा जागरण, वहाँ के हिन्दुओं ने कहा कि अगर आज चुप रहे तो कल रोकी जाएगी होली और दीवाली भी।

स्विट्जरलैंड में 1 जनवरी से नहीं पहन सकेंगे बुर्का-नकाब, मुँह ढकने पर देना पड़ेगा 97000 रुपए तक जुर्माना: नया कानून बना, जानें क्या होंगे...

ये कानून स्विस संसद के निचले सदन में 151-29 वोट से पारित हुआ है। स्विट्जरलैंड में इस कानून को 1 जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -