Monday, December 23, 2024
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CM योगी का मुरीद हुआ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कोरोना प्रबंधन के लिए जमकर की सराहना: विश्व को दी सीखने की सलाह

संक्रमण काल और लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की प्रदेश वापसी कुशल तरीके से कराने के कार्यों की तारीफ सात समंदर पार भी होने लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इसी कुशल प्रबंधन की तारीफ अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने की है।

देशभर में कोरोना वायरस के कहर के बीच जनसंख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बाद भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना का बेहतर प्रबंधन किया।

संक्रमण काल और लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की प्रदेश वापसी कुशल तरीके से कराने के कार्यों की तारीफ सात समंदर पार भी होने लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इसी कुशल प्रबंधन की तारीफ अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने की है। विश्वविद्यालय ने संकट के इस समय में प्रवासियों की घर वापसी के साथ उनको समायोजित करने के मैनेजमेंट पर स्टडी की है।

विश्विद्यालय ने अपने अध्ययन में दिखाया है कि कोरोना संकट की इस घड़ी में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार के हर कर्मचारी से बहुत ही बेहतर ढंग से काम लिया। स्टडी में पाया गया है कि कोरोना के इस दौर में भी सीएम ने सभी कार्यों को अच्छे तरीके से अंजाम देने पर अपना ध्यान लगाया।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, “जब कोरोना संक्रमण से सारा विश्व परेशान था, तो योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी चुनौतियों को सहर्ष स्वीकारने के साथ ही प्रत्येक नागरिक को इस संकट से उबारने के लिए कार्य किया। सरकार ने प्रवासियों को परिवहन सुविधा देने के साथ ही उन्हें राशन किट भी बाँटे। दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को मुफ्त राशन देने के साथ ही उनके कौशल के अनुसार घर में ही उन्हें काम भी उपलब्ध कराया।”

रिपोर्ट में लिखा गया है कि संकट की इस घड़ी में राज्य ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर लोगों को संक्रमण से बचाने, रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सभी दृष्टिकोण को अपनाया। सरकार ने बेहतर प्रबंधन के जरिए मुश्किल कार्य को भी काफी आसानी से निपटा दिया। सीमित संसाधनों के बावजूद सरकार ने न केवल लोगों की महामारी से सुरक्षा की, बल्कि उन्हें काम भी दिया।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय का कहना है कि कोविड संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने तीन स्तरों पर काम किया। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद आईसोलेशन की प्रकिया को अपनाकर संक्रमण की रफ्तार को धीमा कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने प्रवासियों, अन्य व्यक्तियों और उनके परिवारों की स्क्रीनिंग के लिए 90 हजार से भी ज्यादा टीमें गठित कर लोगों की जाँच की।

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक 18,140 क्वारंटीन सेंटर बनाकर इसमें 15.15 लाख लोगों को रखा गया और संक्रमितों का इलाज किया गया।

आर्थिक अवसर पैदा किए

रिपोर्ट में योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा गया है कि संकट के इस दौर में भी सरकार ने मौजूदा योजनाओं का उपयोग करने के साथ ही नए-नए एमओयू साइन कर प्रवासियों के लिए उनके घर के पास ही दीर्घकालिक रोजगार प्रदाय योजनाएँ तैयार कीं। इससे पहले नवंबर 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी योगी सरकार के कार्यों की सराहना की थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदा में भी अवसर ढूँढा।

योगी सरकार ने रेलवे के साथ सहयोग कर 1604 ट्रेनों की व्यवस्था की और 21 लाख प्रवासियों की सकुशल वापसी कराई गई। रिपोर्ट के मुताबिक यह अपने राज्य में लौटने वाले प्रवासियों की संख्या का 80 फीसदी था। इसके अलावा सरकार ने प्रवासियों के लिए राज्य स्तरीय सुविधाओं की भी व्यवस्था की और सरकार की योजनाओं को प्रचारित करने का प्रयास किया। विश्वविद्यालय ने कोरोना प्रबंधन के लिए जमकर की सराहना करते हुए विश्व को उनसे सीखने की सलाह दी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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