बांग्लादेश में हिंसा के शिकार अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों को धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्हें अपने घर और जमीन-जायदाद को सस्ते दामों पर बेचकर भागने के लिए विवश किया जा रहा है। इस्लामी कट्टरपंथी इन हिंदू परिवारों को लगातार निशाना बना रहे हैं। इनमें उनकी बहू-बेटियों के साथ बलात्कार और हत्या तक शामिल है।
बांग्लादेश में आने वाले चुनावों को लेकर भी हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं, क्योंकि वे कट्टरपंथी खालिदा जिया के बजाय शेख हसीना का समर्थन करते हैं। इस कारण खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BPP) से जुड़े कट्टरपंथी अक्सर उन्हें निशाना बनाते हैं। हालाँकि, शेख हसीना की पार्टी से जुड़े कट्टरपंथी भी हिंदुओं को निशाना बनाने में पीछे नहीं रहते।
कालबेला न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अल्पसंख्यक समुदाय को इस्लामी कट्टरपंथियों से अक्सर खतरे का सामना करना पड़ता है। इसलिए कई हिंदू परिवार देश के अन्य हिस्सों में पलायन कर रहे हैं। दरअसल, खुलना संभाग के शैलकुपा उपजिला में कट्टरपंथियों ने सत्येन्द्रनाथ साहा नाम के एक मृत हिंदू व्यक्ति के आवास पर कब्जा करके उसके स्थान पर चार मंजिला इमारत बना लिया।
शैलकुपा उपजिला के ‘जुबो लीग’ के अध्यक्ष शमीम हुसैन मुल्ला और उनके अब्बू सबदर हुसैन मुल्ला पर इस हिंदू परिवार की संपत्ति पर कब्जा करने का आरोप लगा है। बता दें कि ‘जुबो लीग’ सत्तारूढ़ शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी की युवा शाखा है। इस उपजिला से हिंदुओं का पलायन लगातार जारी है।
मामले पर बात करते हुए सत्येन्द्रनाथ साहा की बहू ने बताया कि ‘जुबो लीग’ के नेता ने उनके घर और काली मंदिर पर जबरन कब्जा कर लिया है। स्थानीय सांसद मोहम्मद अब्दुल हई से शिकायत के बावजूद आरोपियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हई झेनाइदाह निर्वाचन क्षेत्र से बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी के नेता हैं।
कालबेला न्यूज़ के अनुसार, सत्येन्द्रनाथ साहा का मामला उन अल्पसंख्यक हिंदू परिवारों की अनगिनत कहानियों में से एक है, जिनकी संपत्ति पर प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं ने कब्जा कर लिया। ‘भूमि जिहाद’ के इस संगठित रूप में शामिल सभी लोग राजनेता हैं। शैलकुपा के हिंदू निवासियों को अपने घरों बेचने के लिए विवश करने के लिए घरों में तोड़-फोड़ के साथ उन्हें हर तरह से डराया धमकाया गया।
डराने-धमकाने के लिए मूर्तियों को तोड़ा और मंदिरों को अपवित्र किया गया
सोमवार (6 नवंबर 2023) को शैलकुपा उपजिला के बिजुलिया गाँव में इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक मंदिर को अपवित्र करते हुए उसमें स्थापित देव प्रतिमाओं को तोड़ दिया। घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद स्थानीय हिंदुओं ने पुलिस को इसके बारे में बताया। मंदिर तोड़ने का ऐसा ही मामला अक्टूबर 2022 में भी हुआ था।
इस घटना को आवामी लीग से जुड़े छात्र लीग के नेता की देखरेख में अंजाम दिया गया। एक स्थानीय हिंदू महिला ने बताया, “पिछले साल उन्होंने देवी काली की मूर्ति तोड़ दी और देवता का सिर तोड़कर फेंक दिया। देश में चुनाव होने वाला है। मुझे उम्मीद है कि इस बार ऐसी घटनाएँ दोबारा नहीं होंगी। मुझे उम्मीद है कि हम यहाँ शांति से रह सकेंगे।”
हिंदुओं ने बांग्लादेश अवामी लीग से कार्रवाई की माँग की
इस साल अप्रैल में शैलकुपा में पूजा समिति ने बांग्लादेश अवामी लीग से हिंदू समुदाय के खिलाफ किए गए अत्याचारों पर निष्क्रियता के लिए मोहम्मद अब्दुल हई को चुनाव टिकट नहीं देने का आग्रह किया था। अब स्थानीय हिंदू नेताओं ने शेख हसीना से अनुरोध किया है कि वे उन लोगों को टिकट ना दें जिनका मंदिर को अपवित्र करने, घरों को जलाने आदि में शामिल लोगों को बचाने का इतिहास है।
कालबेला न्यूज के अनुसार, शैलकुपा उपजिला में हिंदुओं को पिछले डेढ़ दशकों से शक्तिशाली इस्लामी कट्टरपंथियों से इलाका छोड़कर भागने की धमकी का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह 13 अक्टूबर 2023 को हिंदुओं पर हमले को लेकर हिंदू समुदाय कोमिलानगर में प्रदर्शन कर रहा था। इस दौरान भी उन पर हमले किए गए। इनमें कई लोगों को चोटें आईं।
बता दें कि पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले बढ़ गए। चाहे वह खालिदा जिया की पार्टी हो या शेख हसीना की, सबकी पार्टी के कट्टरपंथी नेताओं के निशाने पर हिंदू समुदाय है। हिंदुओं के त्योहारों पर उन पर हमले किए जाते हैं। घर की महिलाओं को बेइज्जत और अपहरण किया जाता है और कुछ मामलों में हत्या कर दी जाती है। पूजा स्थलों को अपवित्र करना जैसे रोज का काम हो गया हो।