20 साल की सोमैया बेगम की हत्या के मामले में इंग्लैंड की अदालत ने उसके चाचा मोहम्मद तारूस खान को दोषी ठहराया है। चचेरे भाई से निकाह करने से इनकार करने पर सोमैया की हत्या की गई थी। वह बॉयोमेडिकल छात्रा थी। उसका शव जुलाई 2022 में बरामद किया गया था।
जांच में धारदार हथियार से उसकी हत्या की बात सामने आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 1 हफ्ते की तलाश के बाद 6 जुलाई को सोमैया का शव वेस्ट यॉर्कशायर के ब्रैडफोर्ड स्थित उसके घर से 1 मील दूर मिला था। उसकी छाती में 11 सेंटीमीटर लंबा पेचकस जैसा औजार धँसा मिला था। साथ ही मारपीट के भी निशान मिले थे। उसकी गर्दन भी टूटी हुई थी। ऐसा लग रहा था कि बेरहमी से उसकी हत्या की गई है।
हत्या से पहले सोमैया अपने एक अन्य चाचा दाऊद और दादी के साथ रह रही थी। अदालत में गवाह के तौर पर पेश हुई सोमैया की चाची ने बताया कि सोमैया के पिता यासीन खान चाहते थे कि वह पाकिस्तान जाकर अपने चचरे भाई के साथ निकाह करे। जब आज शादी तय की गई थी तब सौमैया 16 साल की थी। उसने शादी से मना कर दिया था और कानून की मदद ली थी। इससे सोमैया के पिता नाराज थे। इसके बाद वह अपनी दादी और चाचा के पास रहने आ गई थी।
अदालत में पुलिस ने जानकारी दी कि जाँच के दौरान पाया गया कि सोमैया के चाचा मोहम्मद तारूस खान ने लाश को ठिकाने लगाने के लिए ऑनलाइन रबर बैग सर्च किया था। सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट को दी गई जानकारी के मुताबिक की सोमैया की हत्या की प्लानिंग काफी पहले से चल रही थी। उसी कड़ी में तारूस खान ने 25 जून 2022 में हत्या से पहले उसके तीन बेडरूम वाले घर की चाबियों का एक सेट गायब कर दिया था। अदालत में पेश किए गए सबूतों के आधार पर मोहम्मद तारूस खान को हत्या का दोषी पाया गया।