बांग्लादेश एक बार फिर मानव तस्करी के कारण खबरों में है। वहाँ की राजधानी ढाका में 23 महिलाओं को रैपिड एक्शन बटालियन (रैब) फोर्स ने समय रहते रेस्क्यू किया है। तस्कर, उन सबको विदेश भेजने की तैयारी में थे। पुलिस ने जानकारी दी कि इस कार्रवाई में 10-12 तस्कर भी धरे गए हैं।
बांग्लादेशी मीडिया साइट ‘द डेली स्टार’ के मुताबिक ये जानकारी रैब के लीगल और मीडिया विंग एएनएम इमरान खान ने दी है। उन्होंने बताया कि ये छापेमारी मीरपुर, उत्तरा और तेजगाँव में की गई थी। रैब के एएसपी मोहम्मद साजेदुल इस्लाम ने बताया कि इस रेड के वक्त 10-12 तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया।
अब आगे इस संबंध में जानकारी रैब की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आएगी। लेकिन बता दें कि बांग्लादेश में मानव तस्करी का खेल आज का नहीं है। साल 2012 की बीबीसी की रिपोर्ट बताती है कि कैसे बांग्लादेश में लड़कियों को झांसा देकर उन्हें भारत में (विदेशों में) बेच दिया जाता है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, “मानव तस्करों के चंगुल में फँसी ऐसी महिलाओं का कोई पुख्ता आँकड़ा नहीं है लेकिन महिला अधिकारों के कार्यकर्ताओं का मानना है कि हर साल हजारों की संख्या में बांगलादेशी लड़कियों को भारत और खाड़ी के देशों में अवैध तरीके से भेजा जाता है।”
इसके अलावा याद दिला दें कि अभी हाल में बेंगलुरू में एक गैंगरेप का मामला हुआ था। जहाँ 4 बांग्लादेशियों ने एक महिला का बलात्कार करते हुए उसकी वीडियो वायरल कर दी थी। उस समय भी पुलिस की पड़ताल में ये बात निकल कर आई थी कि जिस पीड़िता को पहले नॉर्थ ईस्ट की बताया जा रहा था, वो बांग्लादेशी थी। उसे भी मानव तस्करी के जरिए भारत लाया गया था। पुलिस ने आशंका जताई थी कि सभी आरोपित किसी गैंग का हिस्सा थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़िता को वित्तीय समस्याओं के कारण प्रताड़ित किया गया था। वीडियो में एक महिला समेत 5 दरिदों ने उसके साथ हैवानियत की सभी हदें पार कर दी थीं। वीडियो में पीड़िता चिल्ला रही थी, “कृपया मेरे साथ ऐसा मत करो। वीडियो रिकॉर्ड मत करो” लेकिन किसी दरिंदे उसकी एक न सुनी। बाद में वीडियो से तस्वीर लेकर पुलिस ने इस चारों को पकड़ने का काम किया था। इन सबने महिला से रेप करते हुए उसके प्राइवेट पार्ट में शराब की बोतल घुसा दी थी।