पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार फिरदौस आशिक अवान को हरकत-उल-मुजाहिदीन के संस्थापक और जिहादी मौलाना फज़लुर रहमान खलील के साथ मंच साझा करते हुए पकड़ा गया। अवान खलील के साथ इस्लामाबाद में 16 सितंबर, 2019 को हुई ऑल पार्टी कश्मीर कॉन्फ़्रेंस में शिरकत कर रहे थे।
US banned Terrorist Fazlur Rehman, founder of Harkat-ul-Mujahideen sharing stage with Pak PM’s advisor
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) September 18, 2019
Firdaus Asiq Awan@realDonaldTrump Mr President, Pak is fooling US in broad daylight
Friends,Tag to @FATFNews so they Know that terrorists & Govt are one and same thing in Pak pic.twitter.com/51Snf6JZBH
लादेन के सम्पर्क में था, डेनियल पर्ल हत्याकांड में संलिप्त
अवान सूचना मामलों पर इमरान खान के विशेष सलाहकार हैं। उन्हें जिस फज़लुर रहमान खलील के साथ देखा गया, वह न केवल हरकत-उल-मुजाहिदीन को बनाने वाला सरगना है, बल्कि पूर्व नंबर 1 आतंकी ओसामा बिन लादेन का भी करीबी रहा है। बताते चलें कि ऐसा माना जाता है कि खलील एबटाबाद में लादेन के मारे जाने के पहले तक उसके सम्पर्क में था। इसके अलावा खलील वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में भी लिप्त रहा था।
FATF को जवाब देना होगा मुश्किल
पाकिस्तान के लिए इस मामले के चलते अब Financial Action Task Force (FATF) को जवाब देना और ब्लैक लिस्ट होने से बचना और भी मुश्किल हो जाएगा। पहले ही पाकिस्तान FATF की ग्रे-लिस्ट में है, यानि जिहादियों को पैसा देने वाले ‘संदिग्धों’ की सूची में है, और उसके पास केवल अक्टूबर तक का समय है, वैश्विक समुदाय को यकीन दिलाने के लिए कि वह जिहाद के लिए पैसा देने वाले सभी स्रोतों और माध्यमों पर लगाम लगा चुका है। अगर वह ऐसा करने में नाकाम रहता है, तो उसके ब्लैकलिस्ट होने के बाद कोई देश या वैश्विक आर्थिक संस्थान उसे आर्थिक सहायता नहीं दे पाएगा। FATF का एशिया प्रशांत समूह (APG) उसे पहले ही ‘ब्लैक लिस्ट’ कर चुकी है।