पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) देश में चुनाव कराए जाने को लेकर शुक्रवार (28 अक्टूबर 2022) से ‘हकीकी आजादी मार्च’ निकाल रहे हैं। यह मार्च लाहौर के लिबर्टी चौक से शुरू होकर राजधानी इस्लामाबाद बाद तक जाएगा। इमरान खान ने कसम खाई है कि वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की पोल खोल कर रखेंगे। इससे पहले उन्होंने इस मार्च को ‘जिहाद’ का नाम दिया था।
मार्च के दौरान सैंकड़ों लोग इमरान कान के साथ दिख रहे हैं। ब्रिज पर चढ़ कर उनसे हाथ मिलाने की कोशिश हो रही है। ऐसी वीडियोज सामने आई हैं जिसमें इमरान कहते हैं, “ISIS के डीजी अपने कान खोल सुन लो, मैं तुम्हारे बारे में बहुत कुछ जानता हूँ, लेकिन चुप हूँ क्योंकि मैं देश को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहता… मैं सबको सब बता दूँगा और ISI की पोल खोलूँगा। हम अल्लाह के अलावा किसी के आगे नहीं झुकेंगे। किसी भी कुर्बानी के लिए तैयार हैं। मैं नवाज शरीफ जैसा भगोड़ा नहीं।”
आगे इमरान खान ने कहा, “मैं पाकिस्तान को आजाद देश के तौर पर देखना चाहता हूँ, हमें इसके लिए शक्तिशाली सेना चाहिए। फौज कमजोर होगी तो देश अपनी आजादी खो देगा। ISI का इस्तेमाल कर हम कमजोर हो रहे हैं। मैं जो मर्जी वो कहूँ, लेकिन मैं अपने देश को कमजोर नहीं देख सकता।”
इमरान खान ने मार्च को कहा जिहाद
दरअसल, इमरान खान ने मंगलवार (25 अक्टूबर 2022) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मार्च निकालने की घोषणा की थी। इमरान ने इस मार्च को पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा मार्च बताते हुए कहा था
“मैंने शुक्रवार को लाहौर के लिबर्टी चौक से इस्लामाबाद तक सुबह 11 बजे लॉन्ग मार्च शुरू करने का फैसला किया है। मैं सरकार पर तत्काल चुनाव की घोषणा करने का दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहा हूँ। यह देश के इतिहास में सबसे बड़ा और लंबा मार्च होगा।”
“I’m announcing that the long march will start on Friday from Liberty Chowk”-@ImranKhanPTI pic.twitter.com/LdxTcxPs6G
— PTI (@PTIofficial) October 25, 2022
इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ इस मार्च को जिहाद करार देते हुए कहा था “यह मार्च राजनीति से हटकर है। यह इन चोरों से आजादी के लिए एक युद्ध है जो हमारे ऊपर थोपा गया है। यह जिहाद तय करेगा कि देश किस ओर जाएगा।”
हालाँकि, उन्होंने इस मार्च को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि यह पूरी तरह शांति पूर्ण होगा। लेकिन उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) ने इस मार्च में शामिल होने वाले लोगों से इस्लामाबाद में धरने के लिए गैस मास्क, चादरें, कंबल, तौलिये, तीन जोड़ी कपड़े, छोटे आकार के टेंट, स्लिंग-शॉट्स, मार्बल्स और डंडों की व्यवस्था करने को कहा है।
ऐसा कहा जा रहा है कि इमरान खान और उनकी पार्टी इस्लामाबाद में लंबे समय के लिए डेरा डालने की प्लानिंग के साथ काम कर रही है। साथ ही, डंडों को साथ रखने का मतलब यह है कि यह मार्च हिंसक भी हो सकता है। इस मार्च को लेकर सामने आए ताजा वीडियो में लाहौर के लिबर्टी चौक में इमरान खान समर्थक भारी संख्या में नजर आए हैं।
Haqeeqi Azadi March Day 1!
— PTI Politics. (@PTIPoliticsss) October 28, 2022
Massive Crowd welcomed Imran Khan for leading March at Liberty Chowk Lahore. pic.twitter.com/9DoFv2RJr1
इस्लामाबाद में 13000 फौजी तैनात
रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज शरीफ सरकार ने इमरान खान के इस मार्च को इस्लामाबाद में पहुँचने से पहले ही रोकने की तैयारी में है। जिसके लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने और खराब हालात से निपटने के लिए आँसू गैस और पैपर गन से लैस 13,000 से अधिक जवानों को इस्लामाबाद में तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी इमरान खान इसी साल मई में आजादी मार्च निकाल चुके हैं। हालाँकि, इस्लामाबाद पहुँचने के बाद इमरान समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच जमकर झड़प हुई थी। इस झड़प में कई लोग घायल हो गए थे यहाँ तक कि मेट्रो स्टेशन में आग लगा दी गई थी। जिसके बाद, मार्च को अत्यधिक हिंसक होता देख इमरान खान ने ‘आजादी मार्च’ को रद्द कर दिया था।
इमरान खान पर लगा बैन
उल्लेखनीय है कि गत 21 अक्टूबर को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तोशाखाना केस में उन्हें दोषी ठहराते हुए आगामी 5 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। हालाँकि, इसके बाद हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उनके चुनाव लड़ने पर लगी रोक को हटा दिया था। इसके अलावा, हाल ही में उनके खिलाफ जानलेवा हमला करने के मामले में भी केस दर्ज किया गया था। यह केस पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ नामक संगठन के नेता मोहसिन शाहनवाज़ राँझा ने दर्ज करवाया था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े ऑडियो लीक और प्रतिबंधित फंडिंग के मामले में भी इमरान ने के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।