लॉस एंजिल्स में बच्चों को ऑनलाइन यौन शोषण से बचाने के लिए टूल और प्रोग्राम बनाने वाली प्रौद्योगिकी और गैर-लाभकारी संस्था ‘थॉर्न’ ने एक नया शोध प्रकाशित किया है। इस शोध में पाया गया है कि लगभग 5 में से 1 किशोर ने खुद अपनी न्यूड फोटो साझा की है। यह शोध, बच्चों द्वारा ‘स्व-निर्मित’ यौन सामग्री: 2021 में युवा दृष्टिकोण और अनुभव पर आधारित है। यह नाबालिगों के व्यवहार और स्व-निर्मित बाल यौन शोषण सामग्री (SG-CSAM) से संबंधित यह एकमात्र वार्षिक ट्रैकिंग सर्वेक्षण है।
इसे आमतौर पर शेयरिंग न्यूड या फिर सेक्सटिंग के रूप में जाना जाता है। SG-CSAM (नाबालिगों द्वारा खुद ही अपनी न्यूड तस्वीरें/वीडियो शेयर कर देना) एक जटिल चुनौती है और ये रिसर्च बच्चों के अनुभवों, जोखिमों और हानियों के बारे में पता लगाती है। कुछ तस्वीरें ऐसे बच्चों के बारे में बताती हैं, जिसे मजबूर किया जा रहा था अपनी न्यूड तस्वीरें शेयर करने के लिए। जबकि अन्य ऐसे किशोर के बारे में बताती हैं, जो अपने पार्टनर के साथ न्यूड फोटो शेयर कर रहे हैं, जिन्हें ये भी नहीं पता कि ये तस्वीरें कहाँ से आती हैं।
SG-CSAM के अध्ययन के तहत इसमें शामिल बच्चों के बारे में पता लगाया जाता है, जब उनकी इमेज को वयस्कों द्वारा जबरदस्ती या साथियों के बीच बिना उनकी सहमति के साझा किया जाता है। 2019 के बाद से थॉर्न (Thorn) ने अब यह वार्षिक अध्ययन किया है, जो एसजी-सीएसएएम की चुनौतियों से निपटने के लिए 9 से 17 साल के 1000 से अधिक नाबालिगों के सर्वेक्षण पर आधारित है। यह शोध नाबालिगों के व्यवहार से जुड़े तथ्यों के बारे में है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2019 के बाद से नाबालिगों द्वारा अपनी नग्न तस्वीरें शेयर करने की रिपोर्ट्स में लगातार वृद्धि हुई है। बड़ी संख्या में नाबालिगों ने अपनी नग्न तस्वीरें दूसरों के साथ साझा की हैं। 2021 में, लगभग 6 में से 1 नाबालिग ने खुद अपनी फोटो SG-CSAM को साझा करने की सूचना दी। 2019 के सर्वेक्षण से अब तक 60% से अधिक की वृद्धि हुई है। इसमें पता चला है कि 7 में से 1 बच्चे और 5 में से 1 किशोर ने अपन न्यूड तस्वीरें साझा की हैं।