भारत एक बार फिर से अफगानिस्तान की जनता की मदद के लिए सामने आया है। इससे पहले भारत 40,000 मीट्रिक टन (4 करोड़ किलोग्राम) अनाज अफगानिस्तान को भेज चुका है। अब भारत ने फिर से अफगानिस्तान को 20,000 मीट्रिक टन (2 करोड़ किलोग्राम) अनाज भेजने की योजना बनाई है। खास बात ये है कि अबकी अनाज की ये खेप पाकिस्तान नहीं, बल्कि ईरान के चाबहार बंदरगाह के माध्यम से भेजी जाएगी।
बड़ी बात ये है कि इसमें से 2500 MT अनाज चाबहार पोर्ट के माध्यम से भेजा भी जा चुका है। ये खेप इसी सप्ताह हेरात पहुँचने वाली है। अफगानिस्तान चारों तरफ से जमीन से घिरा हुआ मुल्क है, जो फ़िलहाल भोजन की कमी से जूझ रहा है। ये इस साल अफगानिस्तान को भारत द्वारा भेजी जाने वाली अनाज की पहली खेप है। तालिबान ने भी अनाज भेजे जाने की पुष्टि की है। भारत चाहता है कि अफगानिस्तान में कोई भी सरकार हो, उससे उसके संबंध अच्छे रहें ताकि वहाँ की जनता की मदद में कोई दिक्कत न आए।
इसीलिए, 2021 में भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वो अफगानिस्तान को 50,000 MT अनाज भेजे जाने के लिए रास्ता दे। उस समय वहाँ इमरान खान की सरकार थी। भारत से संबंध सुधारने के लिए अब तालिबान ने राजदूत की नियुक्ति भी कर दी है। सामान्यतः पाकिस्तान कारोबार के लिए भारत को अपनी जमीन इस्तेमाल नहीं करने देता है। फिर भी भारत ने अफगानिस्तान को 40,000 MT अनाज भेजने में कामयाबी पाई।
Indian Minister of Foreign Affairs Jaishankar on Thursday in a press conference spoke about the possibility of increased interactions with Taliban, adding India prioritizes delivering humanitarian aid to Afghanistan over seeking political objectives. https://t.co/f1XqudGgj8
— Khaama Press (KP) (@khaama) June 9, 2023
केंद्रीय विदेश मंत्री S जयशंकर भी कह चुके हैं कि अफगानिस्तान को भारत द्वारा भेजी जा रही मदद के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। तालिबान द्वारा नियुक्त भारत में पहले राजदूत कादिर शाह जल्द ही यहाँ आकर चार्ज ले सकते हैं। एम्बेसी फ़िलहाल पुरानी सरकार के अधिकारियों के हाथ में ही है, जिन पर शाह ने कार चोरी का आरोप लगाते हुए भारत में ही शिकायत दर्ज कराई है। भारत ने खुद को इस कलह से दूर रख कर अफगानिस्तान को खुद ही मामला सुलझाने को कहा है।