भारत ने ब्रिटेन से तमिलनाडु के मंदिर से चोरी हुई एक तमिल संत की 15वीं शताब्दी की कांस्य प्रतिमा को वापस लौटाने की औपचारिक माँग की है। इसके लिए भारत ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय स्थित एक ब्रिटिश संग्रहालय से अनुरोध किया है।
#StolenIdol | The statue of Saint Tirumankai Alvar was acquired by the Ashmolean Museum at the University of Oxford from the Sotheby’s auction house in 1967. https://t.co/2aDWKY2Na5
— The Hindu (@the_hindu) February 24, 2020
माना जाता है कि इस मूर्ति को तमिलनाडु के एक मंदिर से चुराया गया था। जिसके बाद संत तिरुमानकई अलवार की यह मूर्ती वर्ष 1967 के साउथबेई की नीलामी में नीलाम की गई और इस तरह आखिरकार यह प्रतिमा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एश्मोलीन संग्रहालय (Ashmolean Museum) पहुँची। इस नीलामी में जेआर बेलमॉन्ट नाम के एक ब्रिटिश कलेक्टर के कलेक्शन की नीलामी की गई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एश्मोलीन संग्रहालय ने कहा कि उसे इस प्राचीन मूर्ति के मूल स्थान के बारे में एक स्वतंत्र शोधकर्ता ने पिछले साल नवंबर में सतर्क किया, जिसके बाद उसने भारतीय उच्चायोग को इस बारे में जानकारी दी। एश्मोलीन संग्रहालय द्वारा सोमवार (फरवरी 24, 2020) को जारी एक बयान में कहा गया, “IFP-EFEO (इंस्टीट्यूट फ्रैंकाइस डी’पांडिचेरी एंड द इकोल फ्रैंकाइश डी’एक्सट्रीम-ओरिएंट) के फोटो अभिलेखागार में शोध में यही कांस्य प्रतिमा वर्ष 1957 में तमिलनाडु के श्री सौंदरराजनपेरुमल कोविल मंदिर में नजर आई।”
हालाँकि, इस मूर्ति के बारे में आधिकारिक रूप से कोई दावा नहीं किया गया था। संग्रहालय ने गत वर्ष ही आधिकारिक रूप से इस मामले में भारतीय उच्चायोग का ध्यान आकर्षित किया था और उनसे इस बारे में पुलिस रिकॉर्ड समेत अन्य जानकारियाँ थीं। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम ने संग्रहालय द्वारा उठाए गए कदम पर संज्ञान लिया और आगे की कार्रवाई के लिये मामले को भारतीय अधिकारियों के समक्ष भेजा। इसके बाद इस महीने के शुरू में संग्रहालय से इस मूर्ति को लौटाने को लेकर औपचारिक अनुरोध किया गया। भारत की तरफ से इस बारे में और जानकारी दिए जाने के बाद संग्रहालय अब आगे की जाँच कर रहा है।