पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं, सिखों और ईसाइयों के साथ वहाँ अहमदिया समुदाय के मुस्लिम भी कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। ताजा मामले में पंजाब प्रान्त की एक मस्जिद की मीनार को पुलिस ने ध्वस्त कर दिया है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने शुक्रवार (14 जुलाई, 2023) को पाकिस्तान सरकार से इस मस्जिद की मीनारों को गिराने के लिए कहा था। मीनार न गिराए जाने पर TLP द्वारा उसे खुद से ध्वस्त करने की धमकी भी दी गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला पाकिस्तान के पंजाब प्रदेश में जेहलम जिले का है। यहाँ के काला गुजरान इलाके में अहमदिया लोगों ने अपनी इबादतगाहें बनवा रखीं हैं। इन इबादतगाहों के खिलाफ TLP नेता असीम अशफाक रिज़वी ने मुहिम चला रखी थी। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से इन्हे गिराने की अपील करते हुए कार्रवाई न होने पर खुद ही इबादतगाओं को ध्वस्त करने की धमकी दी थी। ये धमकियाँ सार्वजानिक मंचों से लोगों के बीच दी गईं थी जहाँ बाकी लोगों को भी अहमदी लोगों की इबादतगाहों को नष्ट करने के लिए उकसाया गया था। इन धमकियों का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
Tehreek-e Labbaik's Asim Ashfaq Rizvi saying that they would demolish minarets of #Ahmadiyya 'worship place' in Kala Gujran, Jhelum on Muharram 10th if administration doesn't do it. Why r hate-mongering mullahs allowed to spread this venom so freely? Video via @IamAmirMahmood pic.twitter.com/eKflVeCoXm
— Bilal Farooqi (@bilalfqi) July 15, 2023
इन धमकियों के बाद पाकिस्तान सरकार के पंजाब प्रान्त के अधिकारी सक्रिय हुए। उन्होंने अहमदी लोगों की मीटिंग बुलाई और उनके निर्माण को अवैध बताया। आखिरकार तमाम विरोधों के बावजूद 14 जुलाई की रात को पुलिस ने अहमदी समुदाय की मस्जिदों की मीनारों को ध्वस्त कर दिया। आरोप है कि आधी रात के अँधेरे में की गई इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने न सिर्फ अहमदी लोगों के फोन जमा कर लिए थे बल्कि आस-पास लगे कैमरों को भी बंद करवा दिया था। इस दौरान अहमदी लोगों को बंधक बना लिया गया था जिन्हें मीनारों को गिराने के बाद छोड़ा गया।
⚠️ INCIDENT REPORT
— International Human Rights Committee (IHRC) (@IHumanRightsC) July 15, 2023
ACTING ON ORDERS FROM EXTREMISTS, PAKISTANI POLICE DESTROY AHMADIYYA MINARETS IN KALA GUJRAN, DISTRICT JHELUM
⬇️ Full report pic.twitter.com/ynop3PAMir
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी (IHRC) ने अहमदिया समुदाय को खतरे में बताते हुए पाकिस्तान पुलिस की इस हरकत को उन पर हमले के जैसा बताया है। कमेटी ने ऐसे मामलों में पाकिस्तान सरकार का रवैया भी निराशाजनक बताते हुए उन पर कट्टरपंथियों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। IHRC का मानना है कि अपनी मज़हबी मान्यताओं के चलते ही पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय चरमपंथियों के निशाने पर हैं। इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की माँग की गई है।