ईरान में बीते दिनों हिजाब ढंग से न पहनने के कारण हुई महसा अमिनी की हत्या के बाद वहाँ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। तमाम वीडियोज सामने आ चुके हैं जो बताते हैं कि महसा को कितनी बेरहमी से पीटा गया। बावजूद इन प्रमाणों के ईरान के एक संगठन ने अपना बयान जारी कर दावा किया है कि महसा की मौत पीटे जाने के कारण नहीं बल्कि बीमारी से हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महसा अमीनी की मौत के तीन सप्ताह बाद ईरान के फोरेंसिक संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महसा की मौत बीमारी की वजह से हुई थी न कि उसकी मौत का कारण पुलिस हिरासत में हुई मारपीट है। इस मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है उसकी मौत आठ साल की उम्र में हुई ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी से जुड़ी हुई थी।
बता दें, गत 13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर को पुलिस कस्टडी में ही उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद से ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए। जो कि सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण हिसंक होते चले गए।
ईरान के लगभग हर शहर में महिलाएँ मॉरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही हैं। ईरान में महिलाएँ सरकार के लिए मुश्किल का सबसे बड़ा सबब बन गई हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं और न ही बाल ढंकने को तैयार हैं।
हिजाब विरोधी प्रदर्शन से ईरानी सरकार पूरी तरह परेशान हो चुकी है। प्रदर्शनों से घबराई हुई इब्राहिम रईसी सरकार दमन पर उतारू है। कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा वाली सरकार ने कुछ दिन पहले ईरान में इंटरनेट भी बंद कर दिया था। ऐसा कहा जा रहा है कि ईरान में बीच-बीच में कभी भी इंटरनेट बंद किया जा रहा है। यही कारण है कि वहाँ से काफी कम जानकारी सामने आ रही है।
गौरतलब है कि 16 सितंबर से शुरू हुए यह आंदोलन अब विकराल रूप धारण करता जा रहा है। प्रदर्शनकारी हिजाब की बाध्यता दूर करने की माँग को लेकर डटे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह अंतिम सांस तक अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। यब प्रदर्शन अब ईरान के सभी 31 प्रांतों के 164 शहरों में फैल गया है। इस प्रदर्शन के दौरान, अब तक 15000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि, करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है।