Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयहिजाब का विरोध करने पर शरिया पुलिस ने 16 साल की लड़की को गिरफ्तार...

हिजाब का विरोध करने पर शरिया पुलिस ने 16 साल की लड़की को गिरफ्तार किया, टॉर्चर कर-कर के मार डाला: आत्महत्या नहीं, नीका शरकामी की हुई थी हत्या

रिपोर्ट के मुताबिक, तीन पुलिस वालों ने 2022 में ईरान में विरोध प्रदर्शन के दौरान 16 साल की नीका को गिरफ्तार किया और फिर वैन की पिछली सीट पर उसका उत्पीड़न किया था।

ईरान में 2022 के हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एक 16 साल की किशोरी नीका शरकामी का शव मिला था। ईरान की पुलिस ने दावा किया था कि उसने आत्महत्या की थी, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि नीका शरकामी ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि ईरान की शरिया पुलिस ने उसकी हत्या की थी। हत्या से पहले नीका का उत्पीड़न भी हुआ था।

बीबीसी ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के टॉप कमांडर को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर ये खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, तीन पुलिस वालों ने 2022 में ईरान में विरोध प्रदर्शन के दौरान 16 साल की नीका को गिरफ्तार किया और फिर वैन की पिछली सीट पर उसका उत्पीड़न किया था। यही नहीं, पुलिसवालों ने उसे इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर-इन चीफ को भेजे गए सीक्रेट रिपोर्ट में इस बात का ब्यौरा दर्ज है।

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित पुलिसवालों के साथ एक सीनियर अधिकारी भी था, तो वैन में आगे की सीट पर बैठा था। तीनों पुलिस वालों ने लड़की को हथकड़ी लगातर वैन में डाल दिया था।

जानकारी के मुताबिक, ये घटना 20 सितंबर 2022 की है, जब ईरान की राजधानी तेहरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे। वहाँ लालेह पार्क के पास आयोजित विरोध-प्रदर्शन में महिलाओं और युवतियों ने हिजाब जलाए थे। उस घटना के वीडियो में नीका भी दिखी थी और हिजाब के ढेर को आग के हवाले करने वालों में वो सबसे आगे थी।

हालाँकि उसके बाद वो लापता हो गई थी और घटना के 9 दिन बाद नीका का शव मिला था। सरकार ने दावा किया था कि उसने आत्महत्या की है। इस दावे की पुष्टि के लिए एक बिल्डिंग में जाते हुए उनका सीसीटीवी फुटेज बी जारी किया गया था। हालाँकि नीका की माँ ने पुलिस के दावे को खारिज कर दिया था। अब बीबीसी की रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हो गई है।

बता दें कि ईरान में इस्लामिक कानूनों को लागू कराने की जिम्मेदारी एक स्पेशल फोर्स पर है। महिषा अमीनी की हत्या के बाद ईरान में सरकार और हिजाब विरोधी प्रदर्शन तेजी से फैल गए थे। उन विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए ईरानी सरकार ने काफी ताकत का इस्तेमाल किया था। कई लोगों को इस दौरान गिरफ्तार किया गया और सरकार विरोधी काम करने के आरोपों में मौत की भी सजा दी गई है। हालाँकि नीका के पास अपील करने का भी समय नहीं मिला, क्योंकि ईरानी पुलिस वालों ने उनका उत्पीड़न किया और फिर उनकी हत्या कर दी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -