Monday, November 18, 2024
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‘जिहादी दुल्हन’ शमीमा बेगम को सता रहा है डर, जेल से निकालने के लिए वकीलों से लगाई गुहार: 15 साल की उम्र में भागी थी सीरिया

बांग्लादेशी मूल की शमीमा बेगम का जन्म लंदन में हुआ था और 2014 में इंग्लैंड से भागकर सीरिया चली गई थी और आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गई थी। जिहाद के लिए भागने वाली अब 22 साल की हो चुकी शमीमा बेगम की उम्र उस समय केवल 15 साल थी।

दुनिया भर में ‘जिहादी दुल्हन’ के नाम से कुख्यात और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) में कभी शामिल रही इंग्लैंड की शमीमा बेगम एक बार फिर सुर्खियों में है। शमीमा बेगम का कहना है कि आईएस के आतंकियों द्वारा जेल शिविर में उसके तंबू में आग लगाने की कोशिश करने के बाद उसे अपनी जान का डर सता रहा है।

पिछले हफ्ते आगजनी के प्रयास के बाद बेगम ने खुद को जेल से बाहर निकालने के लिए वकीलों से मदद की गुहार लगाई है। ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आशंका जताई जा रही है कि जेल से निकलने के लिए कई बार झूठ बोलने वाली पूर्व जेहादी बेगम अब एक और झूठ को बढ़ा-चढ़ाकर सबके सामने पेश कर रही है।

इससे पहले सितंबर में शमीमा बेगम ने ISIS से तौबा करते हुए कहा था कि उसे अपने किए ​गए कामों पर पछतावा हो रहा है। उसने ‘गुड मार्निंग ब्रिटेन’ शो के लाइव इंटरव्यू में कहा था कि वह दहशतगर्दों के पास जाने की बजाए मरना पसंद करेगी। शमीमा ने ब्रिटेन के लोगों से माफी माँगते हुए यह भी कहा कि वह अपने देश आकर आतंकवाद के सभी मामलों का सामना करने को तैयार है। कभी लंदन के लोगों को मारने की कसम खाने वाली शमीमा बेगम सीरिया के अल-रोज जेल शिविर में बंद है और वह लंदन वापस लौटना चाहती है।

बता दें कि बांग्लादेशी मूल की शमीमा बेगम का जन्म लंदन में हुआ था और 2014 में इंग्लैंड से भागकर सीरिया चली गई थी और आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गई थी। जिहाद के लिए भागने वाली अब 22 साल की हो चुकी शमीमा बेगम की उम्र उस समय केवल 15 साल थी। उसने वहाँ जाकर ISIS के एक आतंकी से निकाह कर लिया था और इस शादी से उसे 2 बच्चे भी हुए।

रिपोर्ट के अनुसार एक विशेषज्ञ ने कहा कि शमीमा बेगम ‘वेस्टर्नाइज्ड’ दिखने की कोशिश कर रही हैं। शमीमा बेगम ने आईटीवी प्रसारक के ‘गुड मार्निंग ब्रिटेन’ शो में कहा, ”मैं ब्रिटेन के लोगों से माफी माँगती हूँ। मैंने बहुत ही कम उम्र में एक बड़ी गलती की थी और उस उम्र के अधिकतर बच्चों को पता भी नहीं होता है कि उन्हें अपने जीवन में क्या करना है। इस उम्र में अधिकतर बच्चे भ्रमित हो जाते हैं और वे आसानी से इस तरह की चीजों के झाँसे में आकर आसानी से बेवकूफ बन जाते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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