जर्मनी में आईएसआईएस का एक कपल पकड़ा गया है, जिसे साल 2015 और 2017 के बीच इराक और सीरिया पर आईएसआईएस के कब्जे के दौरान यजीदी लोगों पर अत्याचार किए थे और नरसंहार में शामिल रहे थे। दोनों पर 12 और 5 साल की यजीदी लड़कियों को गुलाम बनाकर रखने, उनका बार-बार रेप करने, इस्लाम में कन्वर्ट करने के आरोप हैं। यही नहीं, इस कपल ने 12 साल की बच्ची को लाठियों से पीटा, तो छोटी बच्ची को सजा देने के लिए ये लोग उसके हाथ को खौलते पानी से जला देते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में इन आईएसआईएस आतंकियों की पहचान एशिया R.A. और ट्वाना H.S. के रूप में हुई है। जर्मनी में दोनों को रेगेन्सबर्ग और दक्षिणी बवेरिया के रोथ जिले से गिरफ्तार किया गया। इस जोड़े ने साल 2015 में पाँच साल की यजीदी लड़की को गुलाम बनाया था, तो अक्टूबर 2017 से 12 साल की यजीदी लड़की को गुलाम बना रखा था।
Two ISIS Iraqis, Twana HS & Asia RA have been arrested in Germany for r&ping two Yazidi girls aged 12 & 5. They used a broomstick & scolding water as punishments.
— David Atherton (@DaveAtherton20) April 10, 2024
Asia his wife would apply make up & prepare the bedroom while Twana would repeatedly r&pe them.
They were arrested… pic.twitter.com/j0EhduciXb
अभियोजक पक्ष ने कोर्ट में बताया कि आईएसआईएस के इस आतंकी कपल ने बच्चियों को घरेलू काम करने और बच्चों की देखभाल के लिए मजबूर किया। उन्हें जबरदस्ती इस्लाम में कन्वर्ट कराया। यही नहीं, नवंबर 2017 में जब दोनों ने सीरिया को छोड़ा, तो उन दोनों गुलामों को दूसरे आईएस आतंकियों को सौंप दिया।
एशिया अपने शौहर ट्वाना के लिए बच्चियों का मेकअप करके उन्हें तैयार करती थी और शौहर उनका रेप करता था। उस समय बच्चियों की उम्र महज 5 और 12 साल थी। जब बच्चियाँ सहयोग नहीं कर पाती थी, तो उन्हें दोनों शारीरिक दंड दिया करते थे। उनके हाथ को जलाते थे और बाँस के डंडे से पीटते थे। दोनों बच्चियों को आईएसआईएस की विचारधारा के तहत घर का काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और उन्हें इस्लाम भी कबूल करवाया गया था। ये बात सामने आई है कि ट्वाना और एशिया ने इस्लामिक रीतियों से निकाह किया था और 2015 से 2017 के बीच आईएसआईएस के लिए काम करते थे।
जर्मनी में पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
अक्टूबर 2021 में म्यूनिख की एक अदालत ने एक जर्मन महिला को यजीदी लड़की को गुलाम बनाने और बर्बरता की वजह से उसकी जान लेने के लिए 14 साल की जेल की सजा सुनाई थी। जनवरी 2023 में जर्मनी ने यजीदी समुदाय के खिलाफ हुए अपराधों को नरसंहार के रूप में मान्यता दी। जानकारी के मुताबिक, आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित होकर 1000 से अधिक जर्मन लोग आईएसआईएस से जुड़ गए थे और अपना देश छोड़कर भाग गए थे।
आईएसआईएस ने यजीदियों पर किए जमकर अत्याचार
यजीदी समुदाय बेहद पुराना समुदाय है, जो इराक के उत्तरी और सीरिया के कुछ हिस्सों में रहते हैं। ये ईरान के उत्तरी हिस्से में भी पाए जाते हैं। ये अल्पसंख्यक हैं। माना जाता है कि यजीदी लोग मेसोपोटामिया की सभ्यता के दौर से आबाद हैं, लेकिन इस्लाम की ओर से इनका जबरदस्त सफाया किया गया। कुछ साल पहले तब उस इलाके में आईएसआईएस ने पकड़ बनाई, तो उसने यदीजियों का नरसंहार किया।
अगस्त 2014 में आईएसआईएस ने जब उत्तरी इराक के सिंजर प्रांत में अपनी जगह बनाई, तो 50 हजार से अधिक यजीदियों को अपना घर-बार छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने गैर इस्लामी समूह यजीदियों के पुरुषों सदस्यों की सामूहिक हत्याएँ की और महिलाओं-बच्चियों को अपना यौन-गुलाम यानी सेक्स स्लेव बनाकर रखा।