अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में कश्मीर कनेक्शन निकला है। साथ ही इस आतंकी के केरल से जुड़े होने की बात भी सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि 150 सिखों पर हमला करने वाले आतंकियों में से एक भारत का जिहादी था, जिसने कश्मीर मुस्लिमों का बदला लेने की नियति से इसको अंजाम दिया।
काबुल के गुरुद्वारा में बुधवार (25 मार्च) को हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) ने ली है और साथ में हमलावर की तस्वीर भी जारी की है। ISKP ने कहा कि इस हमले को अबू खालिद-अल-हिन्दी नाम के उसके एक फिदाईन ने अंजाम दिया है।
समाचार एजेंसी का दावा है कि यह अबू खालिद-अल-हिन्दी और कोई नहीं बल्कि केरल का ही एक दुकानदार मोहम्मद साजिद था, जो चार साल पहले चौदह लोगों के साथ ISIS ज्वाइन करने निकला था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि अबू खालिद-अल-हिन्दी जिसका एक और नाम अब्दुल खयूम भी है, केरल के कासरगोड का रहने वाला है, जो साल 2015 में अफगानिस्तान में जाकर इस्लामिक स्टेट का आतंकी बन गया था।
EXCLUSIVE @ians_india: ISIS published photo of one of its four terrorists, Abu Khalid al-Hindi who massacred 25 Sikhs in a terror attack on a Gurudwara in Kabul.
— Aarti Tikoo Singh (@AartiTikoo) March 27, 2020
Who was he?
Mohd. Sajid, a shopkeeper who had fled along with 14 other youth from Kerala to join ISIS 4 years ago.
एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “हमें शक है कि अबू खालिद-अल-हिन्दी केरल के कासरगोड का है जो 2015 में इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गया था। केरल से सीरिया और अफगानिस्तान गए आतंकियों के बारे में हम और जानिकारी इकट्ठी कर रहे हैं, जिससे अबू खालिद-अल-हिन्दी की असली पहचान के बारे में पता लगाया जा सके।”
समाचार एजेंसी के माध्यम से जारी एक बयान में बताया जा रहा है कि गुरूद्वारे पर हमले को कश्मीरी मुस्लिमों के लिए बदले की कार्रवाई के रूप में अंजाम दिया गया था। संदेह है कि यही अबू खालिद-अल-हिन्द केरल, वालापट्टनम के आईएसआईएस केस में भी आरोपित था। वर्ष 2017 में, NIA ने आईएस से तार जुड़े होने के मामले में कन्नूर जिले के वालापट्टनम में अबू खालिद सहित पाँच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
केरल के आईएसआईएस मॉड्यूल पर नजर रखने वाले अधिकारियों का मानना है कि काबुल के गुरुद्वारा पर हुए आतंकी हमले को ISI के इशारे पर लश्कर और हक्कानी नेटवर्क ने ही अंजाम दिया है और दुनिया को गुमराह करने के लिए ISKP से इस हमले की जिम्मेदारी लेने को कहा गया है। जाँच एजेंसियों को शक है कि अबू खालिद-अल-हिन्दी काबुल पर हमले से कुछ महीने पहले लश्कर ए तैयबा में शामिल हो गया था।