इजरायली सुरक्षाबलों ने 7 अक्टूबर 2023 के आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड मोहम्मद दायफ के गाजा के दक्षिणी हिस्से में स्थित घर को तबाह कर दिया है। उसके घर से उसका पहचान पत्र बरामद हुआ है। इसके साथ ही उसके घर में एक सुरंग और हथियार एवं गोला-बारूद छिपाने की जगह मिली है। दायफ को बेहद खूँखार एवं शातिर माना जाता है। वह अब तक 7 हमलों में बचा रह गया।
दायफ इस्लामी आतंकी संगठन हमास की अल कस्साम ब्रिगेड का सरगना है। यह आतंकी संगठन हमास का सबसे खतरनाक ब्रिगेड है। इसी ब्रिगेड ने इस हमले की योजना बनाई थी। इजरायल पर अचानक हुए इस हमले में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे। इसके साथ ही महिलाओं-बच्चों सहित 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। इस दौरान महिलाओं से हैवानियत की गई थी।
इजरायल पर किए गए आतंकी हमले को मोहम्मद दायफ ने बदला बताया था। उसने कहा था कि गाजा को 16 साल तक दुनिया से काटने, वेस्ट बैंक में इजरायली पुलिस के घुसने और अल अक्सा में हुई हिंसा का बदला है। हालाँकि, अब इजरायली सेना चुन-चुनकर आतंकियों का सफाया कर रही है। इनमें मोहम्मद दायफ भी शामिल है। हालाँकि, इस कार्रवाई में उसकी मौत नहीं हुई है।
मोहम्मद दायफ के घर पर शुक्रवार (22 दिसम्बर 2023) को इजरायली सेना पहुँची थी, जिसे यहाँ उसका फिलिस्तीनी पहचान पत्र मिला है। इस पहचान पत्र में उसके अलावा उसके बच्चों की जानकारी भी दर्ज है। दायफ के घर में एक सुरंग का भी पता चला है। दायफ के घर छापा मारने वाले इजरायली सुरक्षाबलों के जवानों ने इजरायली झंडे के साथ फोटो खिंचवाया और फिर घर को बम से उड़ा दिया गया।
जिस समय इजरायली सैनिकों ने उसके घर पर रेड डाली थी, उस समय दायफ इस घर में मौजूद नहीं था। उसके विषय में काफी कम जानकारी ही बाहर आती है। इजरायली सुरक्षाबलों ने 7 अक्टूबर के आतंकी हममले के कुछ दिनों बाद मोहम्मद दायफ के घर पर बम बरसाए थे। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि हमले में दायफ के पिता समेत उसके परिजन की मौत हो गई थी।
कौन है मोहम्मद दायफ उर्फ मोहम्मद मसरी?
मोहम्मद दायफ उर्फ मोहम्मद मसरी का जन्म वर्ष 1965 में गाजा के खान यूनिस इलाके में हुआ था। खान यूनिस वही इलाका है, जहाँ इस समय इजरायल आतंकी ठिकानों पर बम बरसा रहा है। मसरी 25 साल की उम्र में ही हमास से जुड़ गया था। उससे पहले वह मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ा हुआ था।
मसरी एक स्नातक है जो कॉलेज के समय से ही फिलीस्तीनी लड़ाई में जुड़ गया था। उसको वर्ष 1989 में इजरायल की सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार भी किया था, लेकिन 16 महीने के बाद उसे छोड़ दिया गया। मोहम्मद दायफ को कस्साम ब्रिगेड से हमास का ‘इंजीनियर’ कहे जाने वाला याहया अयाश ने जोड़ा था। अयाश बम बनाने में एक्सपर्ट था। दायफ उसका शागिर्द था।
साल 1996 तक उसने अयाश के इशारों पर काम करते हुए इजरायल में कई घटनाओं को अंजाम दिया। वर्ष 1996 में इजरायल के सुरक्षाबलों ने अयाश को मार गिराया था। इसके बाद बदला लेने के मोहम्मद दायफ ने इजरायल में कई आत्मघाती हमले करवाए, जिनमें एक सप्ताह के भीतर करीब 50 लोगों की मौत हुई।
दायफ बम बनाने, आत्मघाती हमलावरों को तैयार करने और सुरंग बनाकर हमले करने का विशेषज्ञ माना जाता है। कहा जाता है कि वह अपने आसपास बहुत सीमित लोगों को रखता है और हमेशा सामान्य नागरिक की तरह रहता है। वर्ष 2002 में उसे अल कस्साम दस्ते का सरगना बनाया गया था। वर्ष 2014 में उसने इजरायल पर बड़े हमले की धमकी दी थी।
कई बार आया इजरायल के टारगेट पर, लेकिन हर बार बच निकला
रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली सुरक्षाबलों और वहाँ की खुफिया एजेंसी मोसाद के टारगेट पर मोहम्मद दायफ कम-से-कम सात बार आ चुका है, लेकिन हर बार वह जिंदा बचने में सफल रहा। साल 2002 में उसकी कार को इजरायल ने मिसाइल से टारगेट किया था। इसमें उसके दो साथियों की मौत हो गई थी, पर वह बच निकला था।
वर्ष 2004 में भी इजरायल ने मोहम्मद दायफ को निशाना बनाकर एक हवाई हमला किया। हालाँकि, इस हमले में भी वह बच गया। इस हवाई हमले में उसका खासमखास मोहम्मद अदनान-अल-गौल मारा गया। अदनान-अल-गौस को हमास का रॉकेट एक्सपर्ट कहा जाता था।
इसी तरह साल 2006 में एक खुफिया जानकारी के आधार पर इजरायल ने गाजा पट्टी के एक घर पर हवाई हमला किया था। इस हमले में उसकी रीढ़ में चोट आई थी। इजरायली सुरक्षाबलों को पता चला था कि दायफ अपने कुछ आतंकी साथियों के साथ इमारत में बैठक कर रहा है। इसके बाद यह हमला किया गया था।
साल 2014 में दायफ के घर पर एक बार और हमला हुआ। इस हमले में मसरी का एक पैर और एक हाथ उड़ गया। उसने एक आँख भी गँवा दी। कहा जाता है कि इसके बाद से वह व्हिलचेयर पर चलता है।हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि दायफ अभी भी जीवित है और उससे अच्छी अवस्था में है, जैसा इजरायल ने सोचा था।