Friday, May 3, 2024
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जिसके हुक्म पर इजरायल में 900+ को इस्लामी आतंकियों ने मारा, उसके एक ही आँख, हाथ और पैर: जानिए कौन है मोहम्मद दाइफ

लगातार 3 दशक से मोहम्मद दाइफ इजरायल में आतंक फैला रहा है। रिपोर्टों के अनुसार इजरायल के एक एयर स्ट्राइक में वह अपनी एक आँख, एक हाथ और एक पैर गँवा चुका है। अब वह व्हीलचेयर से ही हमास के आतंकी दस्ते को लीड करता है।

इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को इस्लामी आतंकी संगठन हमास के हमलों में अब तक 900 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इन हमलों के पीछे हमास के अल कासम ब्रिगेड (al Qassam Brigades) का हाथ है। इस दस्ते का सरगना मोहम्मद दाइफ (Mohammed Deif) है।

उसका पूरा नाम मोहम्मद दिआब इब्राहिम अल मसरी (Mohammed Diab Ibrahim al Masri) है। उसे मोहम्मद मसरी, मोहम्मद दाइफ जैसे नामों से भी जाना जाता है। माना जा रहा है कि इजरायल पर हमले के पीछे की पूरी प्लानिंग उसकी ही है।

लगातार 3 दशक से मोहम्मद दाइफ इजरायल में आतंक फैला रहा है। रिपोर्टों के अनुसार इजरायल के एक एयर स्ट्राइक में वह अपनी एक आँख, एक हाथ और एक पैर गँवा चुका है। अब वह व्हीलचेयर से ही हमास के आतंकी दस्ते को लीड करता है।

इजरायल पर हुए हमले को मोहम्मद दाइफ ने बदला बताया है। कहा है कि यह गाजा को 16 साल तक दुनिया से काटने, वेस्ट बैंक में इजरायली पुलिस के घुसने और अल अक्सा में हुई हिंसा का बदला है।

कौन है मोहम्मद दाइफ उर्फ मोहम्मद मसरी?

मोहम्मद दाइफ उर्फ मोहम्मद मसरी का जन्म वर्ष 1965 में गाजा के खान यूनिस इलाके में हुआ था। खान यूनिस वही इलाका है, जहाँ इस समय इजरायल आतंकी ठिकानों पर बम बरसा रहा है। मसरी 25 साल की उम्र में ही हमास से जुड़ गया था। उससे पहले वह मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ा हुआ था।

मसरी एक स्नातक है जो कॉलेज के समय से ही फिलीस्तीनी लड़ाई में जुड़ गया था। उसको वर्ष 1989 में इजरायल की सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार भी किया था। लेकिन फिर 16 महीने के बाद उसे छोड़ दिया गया।

मोहम्मद दाइफ को कासम ब्रिगेड से हमास का ‘इंजीनियर’ कहे जाने वाला याहया अयाश ने जोड़ा था। अयाश बम बनाने में एक्सपर्ट था। दाइफ उसका शागिर्द था। 1996 तक उसने अयाश के इशारों पर काम करते हुए इजरायल में कई घटनाओं को अंजाम दिया।

वर्ष 1996 में इजरायल के सुरक्षा बलों ने अयाश को मार गिराया था। इसके बाद बदला लेने के मोहम्मद दाइफ ने इजरायल में कई आत्मघाती हमले करवाए, जिनमें एक सप्ताह के भीतर करीब 50 लोगों की मौत हुई।

दाइफ रॉकेट बनाने, आत्मघाती हमलावरों को तैयार करने और सुरंग बनाकर हमले करने का विशेषज्ञ माना जाता है। कहा जाता है कि वह अपने आसपास बहुत सीमित लोगों को रखता है और हमेशा सामान्य नागरिक की तरह रहता है। वर्ष 2002 में उसे अल कासम दस्ते का सरगना बनाया गया था। वर्ष 2014 में उसने इजरायल पर बड़े हमलों की धमकी दी थी।

कई बार आया इजरायल के टारगेट पर, लेकिन हर बार बच निकला

रिपोर्टों के अनुसार इजरायली सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसी मोसाद के टारगेट पर मोहम्मद दाइफ कम से कम सात बार आ चुका है। लेकिन हर बार वह जिंदा बचने में सफल रहा। साल 2002 में उसकी कार को इजरायल ने मिसाइल से टारगेट किया था। इसमें उसके दो साथियों की मौत हो गई थी। पर वह खुद बच निकला था।

वर्ष 2004 में भी इजरायल ने एक हवाई हमला कर कर दाइफ को टारगेट किया। लेकिन इस हमले में वह बच गया और उसका खासमखास मोहम्मद अदनान-अल-गौल मारा गया। अदनान हमास का रॉकेट एक्सपर्ट कहा जाता था।

वर्ष 2006 में एक खुफिया जानकारी के आधार पर एक घर पर हवाई हमला किया गया था। इजरायली सुरक्षा बलों को पता चला था कि दाइफ अपने कुछ और आंतकियों के साथ एक इमारत में बैठक कर रहा था। इस हमले में उसकी रीढ़ में चोट आई थी।

2014 में मसरी के घर पर एक बार और हमला हुआ। इस हमले में मसरी का एक पैर और एक हाथ उड़ गया था। उसने एक आँख भी गँवा दी थी। कहा जाता है कि इसके बाद से वह व्हीलचेयर पर चलता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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