हमास ने इजरायल पर आतंकी हमले के बाद न सिर्फ आम इजरायलियों को मौत के घाट उतारा बल्कि जीवित और मृत बच्चियों और महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी दरिंदगी भी किया। इसी के मद्देनजर अब इज़रायल पर 7 अक्टूबर, 2023 हमास के हमलों के बाद बलात्कार के मामलों का दस्तावेज तैयार कर रही है। जिसके लिए फोरेंसिक सबूतों, वीडियो और गवाहों के बयान और संदिग्धों से पूछताछ किया जा रहा है।
इसे लेकर जो खुलासे प्रत्यक्षदर्शियों ने अब तक किए हैं वो इंसानियत को शर्मसार करने वाले हैं। हमास के आंतकियों ने पकड़ी गई महिलाओं और लड़कियों का खौफनाक तरीके से रेप और यौन उत्पीड़न ही नहीं किया बल्कि उनके साथ शारीरिक तौर पर भी भयानक हिंसा की। किसी की छाती काट डाली तो किसी को रेप करने के दौरान ही गोली मार कर जान ले ली।
इजरायली बच्चियों की लाशों पर पड़े ताजा स्पर्म ये चीख-चीख कर कह रहा था कि उनके साथ हमास के आतंकियों ने किस कदर हैवानियत की है। खून से सने उनके जिस्मों पर अनगिनत घाव बगैर कहे गवाही दे रहे थे कि हैवानियत का नंगा नाच कैसा होता है।
हमास आंतकियों के भयावह, अमानवीय अपराध
इजरायल की खास 669 स्पेशल टैक्टिस रेस्क्यू यूनिट के एक पैरामेडिक ने सीएनएन को बताया कि उसने पहले भी सभी तरह की जान माल के नुकसान वाली वारदातों की जाँच की है, लेकिन 7 अक्टूबर की हिंसा कल्पना से भी परे की थी।
इस फाइटर पैरामेडिक ने अपना नाम छापने की शर्त पर बताया कि किबुत्ज़ बेरी में हमास के नरसंहार के बाद जब वो किसी जिंदा बचे शख्स की तलाश में घर-घर जा रहे थे। उस दौरान उन्हें एक बेडरूम में दो दो युवा किशोर लड़कियों की लाश मिली।
पैरामेडिक के मुताबिक, “एक की लाश बिस्तर पर पड़ी हुई थी और दूसरी की एक फर्श पर।” उन्होंने आगे बताया फर्श पर पड़ी लड़की अपने पेट के बल थी। उन्हें इसमें कोई शक नहीं था कि किशोरी के साथ बलात्कार किया गया था, लेकिन उन्हें यह नहीं पता चला कि वह पहले मर गई थी या नहीं।
उन्होंने आगे बताया, “उसकी पैंट घुटने तक खुली हुई है और उसकी गर्दन के पीछे सिर के पास गोली के जख्म थे। उसके सिर के चारों ओर खून का ढेर लगा था है और उसकी पीठ के निचले हिस्से पर स्पर्म पड़ा था।”
उन्होंने आगे बताया कि बिस्तर पर पड़ी लड़की के पूरे शरीर पर चोट के निशान थे और उसकी छाती में गोली लगी थी। उनका कहना था कि इन दो लड़कियों को उनके पहुँचने से कुछ वक्त पहले ही मारा गया हो या पहले मार डाला गया हो शायद उनके ही बेडरूम में उनके साथ बलात्कार किया गया था, अभी जाँच के बाद ही पता लगेगा।”
अन्य लोगों ने भी नोवा संगीत समारोह में इसी तरह की खौफनाक और हैवानियत से भरे वाकयों के बारे में बताया था। यहाँ सैकड़ों युवाओं को आतंकवादियों ने मार डाले थे। समारोह के एक आयोजक रामी शमूएल ने कहा कि जब वह भाग रहे थे तो उसने महिला पीड़ितों को बगैर कपड़ों के देखा और जो कुछ हुआ उसके बारे में उसे कोई संदेह नहीं है। उन्होंने बताया, “उन्हें नंगा कर उनके (महिलाओं) दोनों पैर फैलाए गए थे और उनमें से कुछ को मार डाला गया था।”
उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा था कि इन महिलाओं से वहशीपन की हद पार करते हुए यौन हिंसा की गई थी। उनका कहना था कि हमास के आतंकियों ने खासकर औरतों, युवा युवतियों के ही कपड़े उतार फेंके थे। इससे साफ है कि उनका मकसद पहले से ही इनके साथ बलात्कार करना था, क्योंकि उन्होंने वहाँ उस दिन किसी भी पुरुष के कपड़े नहीं उतारे थे।
अभी लंबी चलेगी जाँच
इज़रायल की पुलिस मानती है कि उनकी जाँच में महीनों लग सकते हैं। हिब्रू विश्वविद्यालय की मानवाधिकार कानून विशेषज्ञ एल्कायम-लेवी भी कहती हैं कि यह साफ नहीं है कि किसी भी मामले को कैसे और कहाँ संभाला जाएगा। हालाँकि, उन्होंने कहा कि दोहरी नागरिकता वाले कुछ परिवार इज़रायल के अलावा अन्य देशों में न्याय के लिए जा सकते हैं और साथ ही अंतरराष्ट्रीय अदालतों में भी अपने मामले को ले जा सकते हैं।
इजरायली अधिकारियों ने एक प्रेस ब्रीफिंग में जो सबूत जुटाए थे। उसमें एक महिला का बयान भी शामिल था। इस महिला ने 7 अक्टूबर, 2023 को अपने छिपने की जगह से नोवा म्यूजिक फेस्टिवल पर हमास आंतकियों के हमले को अपनी आँखों से देखा था। इस मायने में उनका बयान काफी मददगार साबित होगा।
इस महिला ने अपने बयान में कहा, “उन्होंने (हमास) किसी को झुकाया हुआ था और मुझे समझ आया कि वह उस युवती के साथ बलात्कार कर रहा था और फिर वह उसे दूसरे को बलात्कार के लिए सौप रहा था।”
उसने आगे बताया, “वह जीवित थी। वह अपने पैरों पर खड़ी थी और उसकी पीछे से खून बह रहा था। मैंने देखा कि वह उसके बाल खींच रहा था। उसके लंबे भूरे बाल थे। मैंने उन्हें उसके स्तन काटते हुए देखा और फिर वह उसकी कटे स्तनों को सड़क की ओर फेंक रहा था। उसे दूसरे शख्स ने किसी दूसरे की तरफ उछाला और वो उससे खेलने लगे।”
इसके बाद भी हमास के आतंकियों ने उस युवती को नहीं छोड़ा। गवाह ने आगे बताया, “मुझे याद है कि एक अन्य शख्स ने फिर और उसके साथ बलात्कार किया था और उससे बलात्कार करते-करते ही उसने युवती के सिर में गोली मार दी।”
हमास की दरिंदगी के हजारों बयान वीडियो क्लिप
इजरायली पुलिस सुपरिटेंडेंट डूडी काट्ज़ की रूह भी इन सबूतों के बारे में बताते हुए हुए काँप उठी थी। काट्ज़ के मुताबिक, अधिकारियों ने हमास के हमलों से जुड़े 1,000 से अधिक बयान और 60,000 से अधिक वीडियो क्लिप इकट्ठा किए हैं।
उन्होंने आगे बताया कि इनमें उन लोगों के बयान भी शामिल हैं जिन्होंने महिलाओं के साथ बलात्कार होते देखा था। हालाँकि, उन्होंने कहा कि जाँचकर्ताओं के पास भुक्तभोगी नहीं है और यह भी साफ नहीं है कोई बलात्कार पीड़िता जीवित बची है या नहीं।
बीते महीने हमास के आंतकी हमले में उस दिन गाजा और इजरायल की सीमा के गाँवों और खेतों में लगभग 1,400 इजरायली मारे गए और इससे अधिक घायल हुए। वहीं हमास के आतंकियों ने 240 से अधिक इजरायली नागरिकों को बंधक बनाया। इसमें बच्चे, बुजुर्ग, औरतें सब शामिल थे।
हमास के इन आतंकियों की इस काली करतूत को दुनिया के सामने लाने के लिए सुबूत जरूरी है। तभी इजरायल के पुलिस कमिश्नर शबताई याकोव कहते हैं कि जाँच संभावित तौर पर अभियोग लगाने के काम आएगी, लेकिन अभी इन अपराधों के दस्तावेज़ तैयार करना पहला मिशन है।
कहीं दुनिया भूल न जाए इजरायली बच्चियों, औरतों से हुई हैवानियत
हिब्रू विश्वविद्यालय की मानवाधिकार कानून विशेषज्ञ कोचाव एल्कायम-लेवी ने अत्याचारों के सबूतों के दस्तावेज तैयार करने के लिए अपने साथियों के साथ एक नागरिक आयोग का गठन किया है। उन्हें डर है कि गाजा और इजरायल की जंग के बीच दुनिया इजरायली महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा पर गौर करना कहीं भूल न जाए। उन्होंने आतंकी हमलों के ठीक एक हफ्ते बाद आए संयुक्त राष्ट्र के एक बयान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इस बयान में यौन हिंसा का जिक्र तक नहीं था।
I’m at a loss of words to explain this.
— Cochav Elkayam-Levy (@CochavElkayam) November 18, 2023
We’ve been through hell and are still struggling. Women and girls were murdered, tortured, terrorized and raped in the most inhumane ways possible. The evidence is overwhelming and undeniable. And yet again, the same denial mechanism… https://t.co/mH2BI8XRxQ
एल्कायम-लेवी का कहना है, “हम उनके साथ जो कुछ भी हुआ है उसे कभी नहीं जान पाएँगे। जब हम जानते हैं कि जिन महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और जिन पर यौन हमला किया गया उनमें से अधिकांश की हत्या भी कर दी गई।”
लेवी ने यूएन के बयान पर कहा, “इजरायली महिलाओं के तौर पर, हमारे बच्चों के लिए और हम लोगों के लिए यह सिर्फ चुप्पी या बेइज्जती से भी कहीं अधिक बुरा है। जब वे हमें स्वीकार करने में नाकाम है, यहाँ जो कुछ हुआ उसे स्वीकार करने में विफल हो रहे हैं, इस तरह से वो इंसानियत को नाकाम कर रहे हैं।”