Sunday, November 24, 2024
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इजरायल ने अब ईरान के सैन्य ठिकानों पर किया हमला, ड्रोन और मिसाइल बनाने वाले सेंटर बर्बाद: चेतावनी में कहा- दोबारा हमें नुकसान पहुँचाया तो छोड़ेंगे नहीं

इजरायल ने इस मिशन को 'Days of Repentance' नाम दिया था। इस अभियान के दौरान इजरायल ने ईरान के अलावा इराक और सीरिया में भी हमले किए। इजरायल के इस हमले में दर्जनों फाइटर जेट शामिल हुए, जिसमें एफ-15 और एफ-35 भी थे।

इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है, और इस तनाव का जवाब देते हुए इजरायल ने शनिवार, 26 अक्टूबर 2024 को ईरान के विभिन्न शहरों में सटीक हमले किए। पिछले महीने 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए मिसाइल हमले के बाद से ही इस पलटवार की संभावना जताई जा रही थी। इस पलटवार में इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों को प्रमुखता से निशाना बनाया।

इजरायल ने इस मिशन को ‘Days of Repentance’ नाम दिया था। इस अभियान के दौरान इजरायल ने ईरान के अलावा इराक और सीरिया में भी हमले किए। हमलों के बाद इजरायल, ईरान और इराक ने अपनी हवाई सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी है। इजरायल के इस हमले में दर्जनों फाइटर जेट शामिल हुए, जिसमें एफ-15 और एफ-35 भी थे। इन फाइटर जेट्स का जवाब ईरान जैसे देशों के पास नहीं है।

तीन स्टेज में इजरायल ने बरसाई ईरान पर आफत

अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, ईरान पर ये हमले तीन चरणों में किए गए। पहले चरण में इजरायल ने ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट किया, जिससे ईरान की रक्षा क्षमता कमजोर हो गई। इसके बाद, दूसरे और तीसरे चरण में इजरायली सेना ने ईरान के मिसाइल और ड्रोन प्रोडक्शन सेंटर पर निशाना साधा। इन हमलों का उद्देश्य ईरान की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना था ताकि भविष्य में इजरायल पर होने वाले हमलों की संभावना को कम किया जा सके।

इजरायली सेना ने इस हमले के कई वीडियो भी जारी किए हैं। एक वीडियो में दिखाया गया कि इजरायल एयरफोर्स के कमांड सेंटर में कैसे अधिकारियों ने ईरान पर हमले का निर्देश दिया। इस वीडियो में इजरायली चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हर्ज़ी हलेवी को कैंप राबिन स्थित अंडरग्राउंड सेंटर से इस अभियान की निगरानी करते हुए दिखाया गया है। इस कमांड सेंटर में बैठकर उन्होंने पूरे हमले की प्लानिंग और रणनीति तय की।

IDF का बयान, ईरान ने फिर से हिमाकत की, तो हम तैयार

हमले के बाद इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगरी ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा, “हमने ईरान के खिलाफ हमले पूरे कर लिए हैं। इजरायल की सुरक्षा के लिए तत्काल खतरों को खत्म कर दिया गया है। अगर ईरान आगे बढ़ने की गलती करता है, तो हम एक बार फिर जवाब देने के लिए तैयार हैं।”

उन्होंने कहा, “आज हमने ईरान और पूरी दुनिया को बता दिया कि इजरायल में कितनी ताकत है। हमारा संदेश साफ है कि जो भी हमारे देश को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगा, उसे उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” हैगरी ने आगे कहा कि इजरायल ने यह दिखा दिया है कि वह अपने देश और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, चाहे वह आक्रामक हो या रक्षात्मक रणनीति हो।

अमेरिका को पहले से पता थी हमले की योजना

हमले से पहले इजरायल ने अमेरिका को इसकी जानकारी दी थी। अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता सीन सावेट ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इजरायल का यह कदम आत्म-रक्षा के अधिकार का प्रयोग है। हालांकि अमेरिका ने पहले इजरायल से यह अनुरोध किया था कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला न करे। इजरायल ने इसका सम्मान करते हुए केवल सैन्य ठिकानों पर हमले किए और आम नागरिकों को नुकसान से बचाने का पूरा प्रयास किया।

हमलों के बाद ईरान और इराक दोनों देशों ने अपनी हवाई सेवाएँ अस्थायी रूप से रोक दी हैं। ईरान के नागरिक उड्डयन संगठन के प्रवक्ता ने बताया कि फिलहाल सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। वहीं, इराक ने भी सभी उड़ानों को निलंबित करने की घोषणा की है। इस कदम के पीछे पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने को मुख्य कारण बताया जा रहा है। इजरायल के इस कदम से क्षेत्र में खलबली मच गई है और कई देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

इजरायल ने अपने इस हमले से एक बार फिर दिखा दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करेगा। ईरान पर तीन चरणों में हमले करके इजरायल ने न केवल अपनी सुरक्षा को मजबूत किया है बल्कि यह भी संकेत दिया है कि वह अपने दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए हमेशा तैयार है। अब देखना यह है कि इस हमले के बाद ईरान और अन्य संबंधित देश क्या रुख अपनाते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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