जापान के उच्च सदन हाउस ऑफ काउंसलर की जिन सीटों पर चुनाव हुए थे, उनके नतीजे आ गए हैं। सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) और उसके गठबंधन सहयोगी ने इन चुनावों में भारी जीत हासिल की है। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या इन्हीं चुनावों के लिए LDP के पक्ष में प्रचार करते वक्त की गई थी। वर्तमान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी इसी पार्टी के सदस्य हैं।
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और गठबंधन सहयोगी कोमिटो (Komeito) ने मिलकर 76 सीटों पर जीत दर्ज की। इसमें से अकेले लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने 63 सीट हासिल की है। जापान की क्योदो समाचार एजेंसी के अनुसार, इसके साथ ही 248 सदस्यों वाले ऊपरी सदन में एलडीपी गठबंधन के पास 166 सीटें हो गई हैं। 2013 के बाद से एलडीपी का ये सबसे अच्छा प्रदर्शन है। वहीं जापान की मुख्य विपक्षी कॉन्स्टिट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 23 सीटें थी, जो अब घटकर 17 पर पहुँच गई है।
संसदीय चुनाव में जीत के बाद भी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में जीत की जश्न की जगह गमगीन माहौल था। रविवार (10 जुलाई 2022) की देर रात प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा मीडिया के सामने आए। इस दौरान एलडीपी के अधिकारियों ने शोक व्यक्त करने के लिए रिबन के साथ काले रंग की टाई और काले कपड़े पहने थे। उन्होंने शिंजो आबे की हत्या पर मौन रखा। उन्हें चुनाव से दो दिन पहले शुक्रवार (8 जुलाई 2022) को गोली मार दी गई थी।
किशिदा ने आबे को गोली मारने के संदर्भ में कहा, “हिंसा ने चुनावी प्रक्रिया को खतरे में डाल दिया, जो हमारे लोकतंत्र की नींव है। मैं हर कीमत पर इस चुनाव से गुजरने के लिए दृढ़ था। मैं लोकतंत्र की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखूँगा।” इसके साथ ही किशिदा ने संविधान में संशोधन की योजनाओं को आगे बढ़ाने की कसम खाई। पीएम किशिदा ने कहा कि अब उन्हें देश की आर्थिक स्थिति, यूक्रेन जंग के कारण बढ़ती महँगाई, नए पूँजीवाद, कूटनीति, सुरक्षा, संविधान संशोधन जैसे मुद्दों से जूझना होगा। उन्होंने कहा है कि वे इस दिशा में काम जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि शिंजो आबे 8 जुलाई को जापान के नारा शहर में एक चुनावी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान एक शख्स ने पीछे से गोली चला दी। आबे को गोली लगी और वह उसी जगह पर गिरकर खून से लथपथ हो गए। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। आबे जापान के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री रहे थे। आबे ने अगस्त 2020 में खराब स्वास्थ्य के कारण पद छोड़ दिया था। आबे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खास दोस्त थे। कई मौकों पर पीएम मोदी और शिंजो एक-दूसरे को याद कर चुके हैं। पिछले साल ही भारत ने शिंजो आबे को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।