भारत में वांछित सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर को लेकर धमकी दी है। इसके साथ ही उसने मुस्लिमों को भी भड़काने की कोशिश की है। भारतीय मुस्लिमों से राम मंदिर उद्घाटन समारोह का विरोध करने की अपील करते हुए कहा कि बाबरी ढाँचे की जगह मंदिर बनना मुस्लिमों के लिए ब्लूस्टार ऑपरेशन की तरह है। उन्होंने एक वीडियो जारी है।
अपने वीडियो में खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले भड़काने की कोशिश की है। उसने कहा, “हर मुस्लिम को राम मंदिर का विरोध करना चाहिए। 22 जनवरी मुसलमानों के खिलाफ मोदी का ऑपरेशन ब्लूस्टार है। अमृतसर से अयोध्या तक हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन बंद कर दो।”
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने आगे कहा, “राम मंदिर बाबरी मस्जिद पर बनाया जा रहा है। यह मुस्लिमों को शवों पर बनाया जा रहा है। यह 2 करोड़ मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन है। अब समय आ गया है मुसलमानों, तुम भारत से एक अलग देश उर्दूस्तान बनाओ।” बता दें कि पन्नू इससे पहले भी इसी तरह के वीडियो जारी कर कई बार धमकी दे चुका है।
दरअसल, अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर को खालिस्तानी आतंकवादियों से खाली कराने के लिए इंदिरा गाँधी ने एक ऑपरेशन चलाने का आदेश दिया था। इस आदेश को ऑपरेशन ब्लूस्टार कहा जाता था। इस ऑपरेशन को 1-8 जून 1984 को चलाया था, जिसमें भारतीय सेना ने खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडारवाले को मार गिराया था। पन्नू इस भिंडारवाला को अपना आदर्श बताता है।
बताते चलें कि गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। वह खालिस्तान को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगलते रहता है। हाल ही में अमेरिका ने भारत पर आऱोप लगाया था कि वह उसके नागरिक पन्नू की हत्या करने की कोशिश कर रहा है। इसको लेकर दोनों देश बीच रिश्ते में खटास भी आ गई थी।
गुरपतवंत सिंह पन्नू को साल 2020 में भारत ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत नामित आतंकवादी घोषित किया था। पन्नू ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हुई हत्या पर कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावासों और मिशनों को भी धमकी दी थी।
पिछले साल, उसने कनाडा की राजधानी ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में महावाणिज्यदूत अपूर्व श्रीवास्तव की तस्वीरों वाले पोस्टर में प्रसारित की थी। इस पोस्टर में इन भारतीय अधिकारियों को खालिस्तानी निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया था। इसको लेकर भारत और कनाडा के संबंध भी खराब हो गए थे।