Monday, December 23, 2024
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लंदन में खालिस्तानियों का फिर उपद्रव: भारतीय उच्चायोग के सामने तिरंगे पर डाला गोमूत्र, भारतीय युवक ने राष्ट्रीय ध्वज की बचाई लाज

इससे पहले मार्च 2023 में भी खालिस्तानी आतंकियों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान आतंकियों ने उच्चायोग में लगे भारतीय झंडे को निकालकर फेंक दिया था और वहाँ खालिस्तानी झंडा टाँग दिया था। इस कृत्य की भारत ने कड़ी निंदा की थी। बाद में उच्चायोग में पहले से भी बड़ा तिरंगा लगा दिया गया था।

ब्रिटेन में खालिस्तानी आतंकियों की हरकतें बढ़ती जा रही हैं। अब उन्होंने 2 अक्टूबर 2023 को गाँधी जयंती के अवसर पर लंदन के भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे पर गोमूत्र डाला गया। खालिस्तानियों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को भी गोमूत्र पीने के लिए कहा। इसका वीडियो सामने आया है।

वीडियो में एक खालिस्तानी कह रहा है कि वो लोग भारतीय उच्चायोग के लिए गिफ्ट के तौर पर गोमूत्र लेकर आए हैं। उसने उच्चायोग के अधिकारियों से कहा कि वे बाहर आएँ और यह गिफ्ट लें। वहीं एक अन्य खालिस्तानी ने कहा कि भारत वाले गाँधी जयंती मना रहे हैं। वे गोमूत्र पीकर जश्न मना सकते हैं। इस तरह खालिस्तानी गोमूत्र के नाम पर हिंदुओं का मजाक उड़ा रहे हैं।

एक अन्य खालिस्तानी ने कहा कि वह पहले भी पीएम मोदी को गोमूत्र देने आ चुका है। उसने आगे कहा कि चंद्रमा पर जो चंद्रयान गया था, वह भी इसलिए बंद हो गया क्योंकि भारतीय गोमूत्र जैसी चीजों का उपयोग करते हैं। इसके बाद खालिस्तानी गुरुचरण सिंह भारतीय उच्चायोग की दीवार के पास तिरंगा रखकर उस पर गोमूत्र डालते दिखाई दे रहा है। गुरुचरण, गुरूपतवंत सिंह पन्नू के प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े खालसा यूके का सदस्य है।

इस दौरान एक खालिस्तानी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को गोमूत्र पीने के लिए कह रहा है। वहीं मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पम्मा भारत को धमकी देता नजर आ रहा है। मौके पर मौजूद सुरक्षा अधिकारी हाथ पर हाथ धरे खड़े रहे। वहीं एक अन्य वीडियो में एक भारतीय जमीन पर पड़े तिरंगे को उठाकर ले जाता दिखाई दिया।

बता दें कि इससे पहले मार्च 2023 में भी खालिस्तानी आतंकियों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान आतंकियों ने उच्चायोग में लगे भारतीय झंडे को निकालकर फेंक दिया था और वहाँ खालिस्तानी झंडा टाँग दिया था। इस कृत्य की भारत ने कड़ी निंदा की थी। बाद में उच्चायोग में पहले से भी बड़ा तिरंगा लगा दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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