इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के आदेश से बॅंधे पाकिस्तान ने मजबूरी में कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुॅंच की इजाजत तो दी, लेकिन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। दिसंबर 2017 में जब उसने जाधव की पत्नी और मॉं को उनसे मिलने की इजाजत दी थी, तब मुलाकात शीशे के स्क्रीन के पीछे से कराई गई थी। अब इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया से उनकी मुलाकात के दौरान भी उसने इसी तरह के पैंतरे दिखाए।
पहले तो आखिरी क्षणों में उसने मुलाकात की जगह बदल दी। फिर अपने अधिकारियों को तैनात रखा ताकि जाधव अपनी बात भारतीय अधिकारी को नहीं बता सके। कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उसने सीसीटीवी कैमरे में पूरी मुलाकात रिकॉर्ड की। नतीजतन, जाधव बेहद दबाव महसूस कर रहे थे और वे गलत बयानी को मजबूर थे।
जाधव 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। भारतीय नौसेना के इस पूर्व अधिकारी को उसने ईरान से अगवा किया था जहॉं वे कारोबार के सिलसिले में गए थे। बाद में उसने जासूसी का आरोप लगाते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई। इसके खिलाफ भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। इंटरनेशनल कोर्ट ने भारत की दलीलों को मानते हुए मौत की सजा की तामील पर रोक लगा रखी है। कोर्ट ने उन तक राजनयिक पहुॅंच के आदेश भी दिए थे।
इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा,
“अभी हमें विस्तृत रिपोर्ट का इंतज़ार है। यह स्पष्ट है कि कुलभूषण जाधव भारी दबाव में थे और उन्हें वही कहने को मजबूर होना पड़ रहा था, जिससे पाकिस्तान के फर्ज़ी दावों को मज़बूती मिले। राजनयिक से पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद हम आगे की योजना पर फ़ैसला लेंगे।”
उन्होंने कहा कि इस मुलाक़ात के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जाधव की मां को घटनाक्रम की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, सरकार जाधव को जल्द से जल्द इंसाफ दिलाने और सुरक्षित भारत वापसी के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार काम कर रही है।
MEA: We”ll decide a further course of action after receiving a detailed report from our Charge d’ Affaires and determining the extent of conformity to the ICJ directives. External Affairs Minister has spoken to the mother of #KulbhushanJadhav & briefed her of today’s developments https://t.co/N3UlP5Hu02
— ANI (@ANI) September 2, 2019
गिरफ्तारी के बाद सोमवार को हुई मुलाकात जाधव तक भारत की पहली राजनयिक पहुॅंच थी। भारत ने कहा है कि आईसीजे के प्रावधानों के मद्देनजर इस दौरान पाकिस्तान के किसी भी अधिकारी की मौजूदगी नहीं होनी चाहिए थी।
वहीं, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि जाधव और अहलूवालिया की मुलाकात करीब दो घंटे तक चली। राजनयिक पहुंच पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों की मौजूदगी में उपलब्ध कराई गई। बयान में यह नहीं बताया गया है कि मुलाकात कहॉं कराई गई। हालॉंकि पाकिस्तानी मीडिया ने खबर दी है कि यह इस्लामाबाद के एक उप जेल में हुई थी।