ईरान में जैसे-जैसे इस्लामी का दमन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे वहाँ की महिलाओं एवं लोगों का हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन (Iran Anti-Hijab Protest) तेज होता जा रहा है। हिजाब जलाते-जलाते ईरान के लोग सर्वोच्च नेता और धार्मिक गुरु अयातुल्लाह अली खुमेनाई (Ayatollah Ali Khomeini) की तस्वीर जलाने लगे। उनका नारा ‘महिलाओं के अधिकार’ से आगे बढ़कर ‘मुल्ला भाग जाओ’।
देश भर में इंटरनेट सेवा बंद करने के बावजूद महिलाएँ बिना हिजाब के शनिवार (15 अक्टूबर 2022) को राजधानी तेहरान की सड़कों पर उमड़ पड़ीं। इस दौरान उन्होंने नारे लगाए, “Guns, tanks, fireworks; the mullahs must get lost” यानी बंदूक, टैंक या बम इस्तेमाल करो, लेकिन मुल्ला (खुमेनाई का इस्लामी शासन) को भागना पड़ेगा।
महिलाओं के तेहरान मार्च मार्च का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, तेहरान के पश्चिम में हमदान शहर में एक ऐतिहासिक गोल चक्कर के पास हजारों लोग इकट्ठा होकर नारे लगाए और सुरक्षा बलों को देख सीटियाँ बजाई एवं उन पर प्रोजेक्टाइल फेंके।
वहीं, कुर्दिस्तान प्रांत में महसा अमिनी के गृह नगर साकेज और पश्चिम अजरबैजान के महाबाद में दुकानदारों ने हड़ताल की। उधर खुमेनाई और उनकी सरकार ने ईरान में विरोध प्रदर्शन को भड़काने के लिए अमेरिका और इज़राइल सहित देश के दुश्मनों पर लगाया है।
उधर पुरस्कार विजेता ईरानी फिल्म निर्माता मनी हघीघी (Mani Haghighi) पर ईरान की सरकार ने प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने के कारण प्रतिबंधित कर दिया है। हघीघी की फिल्म ‘नॉयर थ्रिलर सब्सट्रैक्शन’ प्रतिष्ठित लंदन फिल्म समारोह में शनिवार (15 अक्टूबर 2022) को प्रदर्शित हुई।
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता हघीघी शुक्रवार (14 अक्टूबर 2022) से कलाकारों एवं एथलीटों वाली ईरानी हस्तियों की उस सूची में शामिल हो गए, जिन्हें प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए गिरफ्तार किया गया है या उनकी ईरान में यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है।
उन्होंने कहा, “शायद अधिकारियों ने सोचा था कि मुझे यहाँ रखकर वे मुझ पर कड़ी नज़र रख सकते हैं या फिर शायद मुझे धमकाने और मुझे चुप कराने के लिए ऐसा किया गया हो” उन्होंने कहा कि हिजाब विरोधी युवाओं का यह प्रदर्शन आने वाले दिनों में ईरान की ‘मुल्ला सरकार’ के लिए मुसीबतें बनने वाला है।
बता दें कि ईरान की पुलिस प्रदर्शनकारी महिलाओं को पकड़ कर उन्हें मानसिक अस्पतालों में भेज रही है। इसके साथ ही सरकार का दमन भी लगातार जारी है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपने हालिया रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर मध्य से शुरू हुए इस आंदोलन में 3 अक्टूबर तक 144 लोग मारे गए हैं, जिनमें 23 बच्चे भी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षाबल जानबूझकर बच्चों एवं किशोरों का निशाना बना रहे हैं।
गौरतलब है कि महसा अमीनी की हत्या के बाद से महिलाएँ सड़कों पर उतर कर विरोध कर रही हैं। वे हिजाब फेंककर, जलाकर और अपने बालों को काटकर हिजाब के लिए इस्लामी सरकार का विरोध कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खुमेनाई की तस्वीरें भी जलाईं। इन प्रदर्शनकारी महिलाओं को देश-दुनिया से भर से भारी समर्थन मिल रहा है।
भारत से भी ईरानी की महिलाओं को लगातार समर्थन मिल रहा है। बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा और मंदाना करीमी ने हिजाब (Hijab) का विरोध किया है। वहीं, बॉलीवुड में काम करने वाली ईरानी अभिनेत्री एलनाज नोरौजी (Elnaaz Norouzi) ने हिजाब का विरोध करते हुए अपने कपड़े उतार दिए। इसका एक वीडियो उन्होंने इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया।
बता दें कि गत 13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मोरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हिरासत में उसे इतना मारा गया कि वह कोमा में चली गई। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद से ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए, जो कि सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण हिंसक होते चले गए।