प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव के दो मंत्रियों से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच वहाँ के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय ने मंगलवार (10 सितंबर 2024) को घोषणा की कि राष्ट्रपति बहुत जल्द भारत की यात्रा कर सकते हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू की यह पहली आधिकारिक यात्रा होगी। तिथि को अंतिम रूप देने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि मालदीव के जिन दो जूनियर मंत्रियों ने पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया गया था। अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। मोहम्मद मोइज्जू को भारत विरोधी रूख के लिए जाना जाता है। वे चीन के ज्यादा करीब हैं। हालाँकि, हाल के दिनों में दोनों के बीच रिश्तों में नरमी आई है। इसके बाद इसे और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार शपथ ग्रहण करने के दौरान इस साल जून में हुए समारोह में मोहम्मद मोइज्जू भी शामिल हुए थे। इसके बाद पिछले महीने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर माले का दौरा किया था। इस दौरान मोहम्मद मोइज्जू की उपस्थिति में जयशंकर ने कई परियोजनाओं की शुरुआत की थी। इनमें से कुछ परियोजनाएँ भारत द्वारा दी गई वित्तीय मदद से शुरू हुई हैं।
चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले साल राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को तत्काल वापस बुलाने की माँग की थी। इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी। हालाँकि, भारत द्वारा सैन्यकर्मियों के स्थान पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के असैन्य कर्मचारियों को नियुक्त करने के बाद से हालात सुधरे हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति के कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता राष्ट्रपति कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने मुइज्जू की यात्रा की घोषणा उस दिन की, जिस दिन पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करने के कारण निलंबित किए गए दो जूनियर मंत्रियों इस्तीफा दे दिया। दरअसल, पीएम मोदी ने लक्षद्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में प्रमोट किया था। इसके बाद मालदीव के मंत्रियों ने उन पर छींटाकशी की थी।
मइज्जू के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जोकर’, ‘आतंकवादी’ और ‘इज़राइल की कठपुतली’ तक कह दिया था। उनका कहना था कि मालदीव के पर्यटन के समानांतर लक्षद्वीप को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया। तब मोइज्जू ने इन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था। अब इन मंत्रियों ने व्यक्तिगत कारण बताकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
मालदीव स्थित भारतीय उच्चायोग ने तीन मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम मजीद की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इस घटना को लेकर मालदीव के विदेश मंत्रालय ने अपने मंत्रियों की इन टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि सरकार विदेशी नेताओं के खिलाफ ‘अपमानजनक टिप्पणियों‘ से अवगत है और वह उन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी।
हीना ने कहा कि यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन दोनों पक्ष इस पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो तारीख दोनों देशों के नेताओं के लिए सुविधाजनक होगा, उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति बहुत जल्द भारत आने वाले हैं। ऐसी यात्राएँ दोनों देशों के नेताओं की अधिकतम सुविधा के समय के लिए निर्धारित की जाती हैं। इस बारे में चर्चा चल रही है।”