ब्रिटेन की जानी-मानी मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी (Manchester University) के कुछ वोक लोगों ने भाषा को समावेशी बनाने के नाम पर गिने-चुने शब्दों को ‘अपमानजनक’ करार देते हुए उन पर प्रतिबंध लगाया है। इन अपमानजनक शब्दों की लिस्ट में उन्होंने भाई-बहन, मम्मी-पापा और पति-पत्नी को भी जोड़ा है।
वोक यूनिवर्सिटी का कहना है कि अगर अगर छात्र-छात्राओं को ये शब्द इस्तेमाल करने ही हैं तो वो भाई-बहन (ब्रदर-सिस्टर) की जगह सिबलिंग (SIBLING) बोलें। मम्मी-पापा की जगह ‘पेरेंट्स या गार्जियन (Parents or Guardian)’ बोलें। पति-पत्नी की जगह ‘पार्टनर (Partners)’ शब्द का प्रयोग किया जाए।
इसके अलावा यूनिवर्सिटी में Elderly शब्द भी बैन हो गया है और इसके पीछे वजह दी गई है कि ये सब बुजुर्ग लोगों के हित में किया गया है।
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, स्टाफ और छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निकाली गई ‘इन्क्लूसिव लैंगुएज गाइड’ में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी अंतर और विभिन्नताओं का सम्मान करती है और ऐसे माहौल को बनाना चाहती है जहाँ हर कोई अपनी पूरी काबिलियत का इस्तेमाल करने में सक्षम हो।
शब्दों पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर गाइड के बारे में कहा गया है कि, “हम जिस ढंग से लोगों के बारे में लिखते हैं वह समानता, विभिन्नता और समावेश को बढ़ावा देता है।”
बता दें कि यूनिवर्सिटी द्वारा लिए गए इस फैसले को सांसद निगल मिल्स ने हैरान करने वाला कहा और बोले कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी ख्यला किया जाना चाहिए। वहीं सोशल मीडिया पर लोगों ने इस तरह की खबर को पढ़कर कहना शुरू कर दिया है कि किसी को अपने बच्चों को इस यूनिवर्सिटी में नहीं भेजना चाहिए। ऐसी यूनिवर्सिटी सिर्फ बच्चों के करियर को बर्बाद करती हैं।
🟥 MANCHESTER UNIVERSITY bans "brother" "sister" "mum" "dad"
— UK1 (@ChannelUK1) July 18, 2022
**DON'T LET YOUR KIDS GO TO MANCHESTER UNIVERSITY**
It will drive them deep into debt & they will emerge with a distorted view of the real world which will not serve their future careers well.https://t.co/EhpD2S9TD6
मालूम हो कि मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से पहले ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी ने ‘मैनिंग’ शब्द पर प्रतिबंध लगाया था और ‘नॉन-डिसेबल’ शब्द को able-bodied किया गया था। इसके अलावा मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी में ही पिछले साल मदर-फादर शब्द को हटाए जाने पर पहले भी बवाल हो चुका है।
Ahead of Mother's Day, Manchester University has scrapped the word ‘mother’ in its new inclusive language guide for staff, reports @MrSteerpikehttps://t.co/V0K8SnHrQa
— Coffee House (@SpecCoffeeHouse) March 11, 2021
लोगों ने सवाल किया था कि क्या ये सोचा जा सकता है कि बच्चे अपने माता-पिता को घर में पेरेंट बोल रहे हैं। इस नई गाइड पर आपत्ति इसलिए भी थी क्योंकि इसका अनुसरण करके कोई व्यक्ति किसी रोबोट की तरह लगता जिसे भावनाओं की कदर न होकर बस शब्द रटा दिए गए हैं। लोगों ने पूछा था कि जितना दर्द माँ को बच्चा पैदा करने में होता है क्या उतना ही दर्द पेरेंट होता है।
Can you imagine picking up a baby and saying come to parent or guardian. How inclusive is that in the home? They want us all to act like fricking robots!
— I SUPPORT THE RMT AND STRIKERS! (@Ker1244) March 11, 2021