दुनिया में कोरोना वायरस ने कहर मचाया हुआ है। हालाँकि, अब वैक्सीन के कारण कोरोना वायरस (कोविड-19) के खत्म होने की उम्मीद की जा रही है। इस क्रम में दुनिया में कोरोना वैक्सीन को दिए जाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ब्रिटेन (यूके) में लोगों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरूआत हो चुकी है। इस दौरान उत्तरी आयरलैंड की एक 90 वर्षीय महिला यूके के सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत में फाइजर/बायोएनटेक कोविड वैक्सीन (Pfizer-BioNTech COVID-19 vaccine) लगाने वाली दुनिया की पहली शख्स बन गई हैं।
उत्तरी आयरलैंड की 90 साल की महिला मार्गरेट कीनन को ट्रायल से इतर दुनिया में पहला कोरोना वायरस का टीका दिया गया है। कीनन ने मंगलवार (दिसंबर 8, 2020) की सुबह 06:31 GMT पर कोवेंट्री, मध्य इंग्लैंड में स्थानीय अस्पताल में (Pfizer-BioNTech COVID-19 vaccine) टीका लिया।
एनिस्किलीन की मार्गरेट कीनन ने कहा है कि उन्हें कॉवेंट्री के यूनिवर्सिटी अस्पताल में कोरोना वायरस की वैक्सीन हासिल करते हुए विशेषाधिकार महसूस हुआ दरअसल, यूके में 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के अलावा कुछ स्वास्थ्य और देखभाल कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा। इसका उद्देश्य सबके जीवन को फिर से सामान्य करना है।
वहीं दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन लेने के बाद कीनन ने कहा, “दुनिया में कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन लेते हुए मुझे विशेषाधिकार महसूस हुआ है। यह मेरे लिए सबसे अच्छा जन्मदिन है। यह मेरे जन्मदिन से पहले का सबसे अच्छा तोहफा है। अब मैं नए साल में अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए तैयार हूँ।” बता दें कि मार्गरेट कीनन अगले हफ्ते 91 साल की हो जाएँगी।
कीनन अपने दोस्तों के बीच ‘मैगी’ के नाम से जानी जाती है। वह पूर्व में ज्वैलरी शॉप में असिस्टेंट थी। चार साल पहले वह वहाँ से रिटायर हुईं। उनकी एक बेटी, एक बेटा और चार पोते हैं।
वहीं उत्तर-पूर्वी इंग्लैंड के भारतीय मूल के 87 वर्षीय हरि शुक्ला दुनिया के उन कुछ पहले लोगों में शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 का टीका लगेगा। शुक्ला को न्यूकैसल में एक अस्पताल में ‘फाइजर/बायोनटेक’ (Pfizer-BioNTech) की ओर से विकसित टीका लगाया जाएगा। टाइन एंड वेयर के निवासी शुक्ला ने कहा कि उन्हें लगता है कि अपने टीके की पहली दो खुराक लगवाना उनका कर्तव्य है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस पल को ‘एक बड़ी प्रगति’ बताया और ब्रिटेन में मंगलवार को ‘वी-डे’ या ‘वैक्सीन डे’ होने की बात कही। शुक्ला ने कहा, “मैं बहुत खुश हूँ कि अंतत: हम इस वैश्विक महामारी के अंत की ओर बढ़ रहे हैं और मैं खुश हूँ कि टीका लगवा कर मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूँ। मुझे लगता है कि यह मेरा कर्तव्य है और मदद के लिए जो हो सकेगा वह मैं करुँगा।”
बता दें कि पिछले हफ्ते नियामकों की ओर से कोरोना वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी देने के बाद फाइजर वैक्सीन का उपयोग शुरू करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है। वहीं ब्रिटेन में केयर होम्स में रहने वाले लोगों और कर्मचारियों को वैक्सीन लगेगी। इसके बाद 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई जाएगी। फिर 75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद 70 साल और फिर 65 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन मिलेगी। इसके बाद 18 से 65 साल वाले वो लोग, जिनमें जोखिम ज्यादा है, उन्हें वैक्सीन के दायरे में रखा जाएगा। फिर 18 से 65 साल के वो लोग जिनमें रिस्क थोड़ा कम है, उन लोगों को वैक्सीन लगेगी।