भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी समाचार पत्र द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि R&AW के एक अधिकारी विक्रम यादव ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए एक टीम को सुपारी दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे गैरजिम्मेदार बताया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस विषय में बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ”इस रिपोर्ट में एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगाए गए हैं। भारत सरकार द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय समिति संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार द्वारा साझा की गई सुरक्षा चिंताओं की जाँच की जा रही है। इस पर कयास और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां मददगार नहीं हैं।”
Our response to media queries on a story in The Washington Post:https://t.co/ifYYng7CT3 pic.twitter.com/LEIso6euN6
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 30, 2024
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिकी समाचार पत्र द वाशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि R&AW के अधिकारी विक्रम यादव ने अमेरिका में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए हत्यारों की एक टीम को सुपारी दी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि और भी कुछ लोगों को निशाने पर लिया गया था। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यादव ने पन्नू की जानकारियाँ हत्यारों के साथ साझा की।
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पन्नू को मारने की योजना को R&AW के दिल्ली दफ्तर से मंजूरी मिली थी यानी इस विषय में R&AW मुखिया को मालूम था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि विक्रम यादव को यह पूरा प्लान फेल होने के बाद CRPF में भेज दिया गया जहाँ R&AW में आने से पहले उनकी पोस्टिंग थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस मामले की जानकारी पीएम मोदी के आसपास रहने वालों को भी थी।
गौरतलब है कि नवम्बर 2023 में अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने दावा किया था कि एक भारतीय निखिल गुप्ता ने कुछ हत्यारों को काम पर लगाया। यह हत्यारे पन्नू को मारने वाले थे। उन्होंने दावा किया था कि गुप्ता को CC1 नाम का एक अधिकारी नियंत्रित कर रहा था जो कि अब विक्रम यादव के रूप में पुष्ट हुआ है। निखिल गुप्ता वर्तमान में चेक गणराज्य में है और अमेरिका उसका प्रत्यर्पण माँग रहा है। अभी तक इस मामले में किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं हो पाई है। भारत भी इस विषय में जाँच कर रहा है।