स्वीडन में सांप्रदायिक दंगा भड़क गया है। वहाँ गुरुवार (14 अप्रैल, 2022) को लिंकोपिन शहर में अप्रवासी और इस्लाम विरोधी पार्टी ‘स्ट्राम कुर्स (Stram Kurs)’ द्वारा कुरान की प्रतियाँ जलाने के ऐलान के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादियों की उन्मादी भीड़ ने जमकर दंगा और हिंसा की। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और पत्थरबाजी की गई है।
नकाबपोश उन्मादी भीड़ ने ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाते हुए पुलिस की गाड़ियों नमें आग लगा दी। इस हमले में 4 पुलिस कर्मी भी बुरी तरह से घायल हुए हैं। दंगाइयों के उन्माद को देखते हुए पुलिस पीछे हट गई, जिससे दंगाइयों को नॉरकोपिंग, रिंकीबी, स्टॉकहोम और ओरेब्रो समेत देश के दूसरे शहरों में दंगे करने के लिए हिम्मत मिली। पुलिस के प्रवक्ता आसा विलसुंड ने कहा, “इनकी मानसिकता आक्रामक हो गई है और घटनास्थल पर पुलिस पर भी हमले हुए हैं।”
Riots broke out in Linköping, Sweden yesterday following a scheduled quran burning by a Danish far-right politician. Police cars were looted & burned, 4 police were injured & police even withdrew from the area. Riots have spread to Norrköping & Rinkeby, Stockholm as well pic.twitter.com/2cco5MKwxS
— Hugo Kaaman (@HKaaman) April 15, 2022
ओरेब्रो हिंसा
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन के शहर ओरेब्रो में शुक्रवार (15 अप्रैल, 2022) को उन्मादी भीड़ ने पुलिस पर हमले और आगजनी की। दंगाइयों ने पत्थरबाजी करते हुए पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़कर 4 गाड़ियों में आग लगा दी।
#BREAKING #SWEDEN #SUÈDE
— loveworld (@LoveWorld_Peopl) April 15, 2022
🔴SWEDEN: VIOLENT PROTESTS IN OREBRO, CENTRAL SWEDEN!
Counter-protesters demonstrating against a far-right group’s intention to burn a Koran in #Orebro clashed with police on Friday, leaving 4 police officers injured.#BreakingNews #Protests #Protesta pic.twitter.com/76IiuC7ZzU
हमले में 4 पुलिसकर्मी और एक व्यक्ति घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, अधिकारियों के हाथ में फ्रैक्चर होने की भी आशंका है। वहीं स्वतंत्र शोधकर्ता ह्यूगो कम्मान ने दावा किया कि दंगाइयों ने पुलिस की एक गाड़ी को चुरा लिया, जिससे अब वो पूरे शहर में घूम रहे हैं।
The fact that this is allowed to happen is a severe indictment of the Swedish police leadership’s failure to assert the rule of law pic.twitter.com/M3uNiqW9Jx
— Hugo Kaaman (@HKaaman) April 15, 2022
एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “तथ्य ये है कि ऐसा होने दिया गया है, जो कि स्वीडिश पुलिस के कानून के राज वाले दावे की असफलता है।” ओरेब्रो के अलावा नॉरकोपिंग में स्टॉकहोम उपनगर रिंकीबी और नवेस्ता में भी कुरान जलाने की घटना के बाद हिंसा होने की सूचना मिली।
हिंसा की घटनाओं पर स्वीडिश प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने कहा, “मैं उस हिंसा की कड़ी निंदा करता हूँ, जो अब ओरेब्रो में पुलिस और आम जनता पर की जा रही है। हमने लिंकोपिंग और नॉरकोपिंग में ऐसे ही दृश्य देखे हैं। लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करते हुए कई पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं।”
स्ट्राम कुर्सी द्वारा कुरान जलाने की घटना
डेनमार्क की आव्रजन विरोधी पार्टी के चीफ हैं रासमस पलुदान। उन्होंने लिंकोपिंग के मुस्लिम बहुल इलाके में कुरान की प्रति जलाने का ऐलान किया था। स्ट्राम कुर्स पार्टी के प्रमुख कुरान को जलाया भी, जिसके विरोध में 200 मुस्लिमों की भीड़ ईशनिंदा के विरोध में इकट्ठा हो गई। स्वीडन में ‘पार्टी ऑफ डिफरेंट कलर्स’ के संस्थापक मिकेल युकसेल ने पलुदान पर ईशनिंदा कर मुस्लिमों को भड़काने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया, “स्वीडन मानवाधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता की की रक्षा करता है, पुलिस के संरक्षण में मुस्लिमों के इलाके के पड़ोस में कुरान को जलाया गया।”
Far-right Danish politician Rasmus Paludan burned a copy of the Holy Quran in a neighbourhood in Sweden’s Linkoping, which is densely populated by Muslims, on April 14.
— TRT World (@trtworld) April 15, 2022
While he was burning the Quran under police protection, the crowd shouted at Paludan pic.twitter.com/4G1V1cSq79
उल्लेखनीय है कि जिस पार्टी को पुलिस ने कुरान जलाने वाला कार्यक्रम करने की इजाजत दी थी, उसी ने बाद में कानून व्यवस्था को देखते हुए इसे रद्द कर दिया था। वहीं हिंसा की इस घटना पर राष्ट्रीय पुलिस के प्रमुख एंडर्स थॉर्नबर्ग का कहना है कि हम सभी लोकतांत्रिक समाज में रहते हैं और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना पुलिस का कर्तव्य है। लोगों को संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार है।
2020 स्वीडन दंगे
दो साल पहले अगस्त 2020 में स्वीडन के माल्मो शहर में ‘स्ट्राम कुर्स’ पार्टी के ही लोगों ने कुरान की प्रति को जला दिया था, जिसके बाद वहाँ दंगा भड़क गया था। ये घटना इस्लाम विरोधी प्रदर्शन के बाद हुई थी। इसमें जब पुलिस ने रासमस पलुदान को गिरफ्तार कर लिया, तो उनके समर्थकों ने कुरान को फूँक दिया।