म्यांमार में कैसे रोहिंग्या मुस्लिमों ने 2017 में बड़ी संख्या में हिन्दुओं और बौद्धों का नरसंहार किया था। अब एक बार फिर से रखाइन प्रान्त में हुई उस घटना को इस्लामी आतंकी दोहराने की कोशिश कर रहे हैं। म्यांमार के आरकान प्रांत में 1600 से भी अधिक हिन्दुओं एवं 120 बौद्ध समाज के लोगों को बंधक बनाया गया है। मामला बुथिडुआंग का है। इलाके में अराजकता और अस्थिरता का माहौल है। अब सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि फ़ौज ही ये सब करवा रही है।
‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि म्यांमार की फ़ौज की तरफ से इस्लामी कट्टरपंथियों को ये काम सौंपा गया है कि वो मुल्क के स्थानीय समुदायों को आतंकित करें। धर्म को आधार बना कर नरसंहार की साजिश रची जा रही है। इसी क्रम में 1600 से अधिक हिन्दुओं और 120 से अधिक बौद्धों को बंधक बनाया गया है। अब इनकी रिहाई को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इलाके में मजहबी एवं नस्लीय दंगों के कारण लोगों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ रहा है।
गुरुवार (11 अप्रैल, 2024) को 2 युवकों की लाश पड़ी मिली, जिनकी हत्या गला रेत कर की गई थी। नवंबर 2023 से ही म्यांमार की फ़ौज आराकान आर्मी से लड़ रही है और उसके बाद ये पहली इस तरह की घटना थी। म्यांमार की फ़ौज ने ‘आराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA)’ और ‘आराकान रोहिंग्या आर्मी (ARA)’ को ‘आराकान आर्मी (AA)’ के खिलाफ लड़ने के लिए हथियार से लेकर सैन्य प्रशिक्षण तक दिया है। रोहिंग्या आतंकी न सिर्फ घरों को लूट रहे हैं, बल्कि लोगों का अपहरण कर रहे हैं और उनके घर को आग के हवाले भी कर दे रहे हैं।
Myanmar Rohingyas groups have held 100s of Hindu & Baudha hostages in thr Rekhine region.
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) April 17, 2024
Mmr military regime provided arms to R trrst orgs.
Just few years back ARSA trrsts massacred 99 Hindus. This is story shouldn't be forget while keeping illegal infiltration in mind.
1/ pic.twitter.com/EObiytodNQ
बागी समूहों ने रोहिंग्या संगठनों से अपील की है कि वो धार्मिक विभाजन का शिकार न बनें, साथ ही बिना जाति-धर्म का भेदभाव किए बिना सभी नागरिकों की रक्षा के लिए खुद को प्रतिबद्ध भी बताया है। 2017 में रखाइन में 100 से अधिक हिन्दुओं का बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया था। इनमें कई महिलाएँ और बच्चे भी थे। म्यांमार की फ़ौज ने AA के खिलाफ रोहिंग्या जनसमूह का विरोध प्रदर्शन भी करवाया था। अब मौक़ा पाकर यही रोहिंग्या हिन्दुओं एवं बौद्धों का दमन कर रहे हैं।