म्यांमार की सशस्त्र सेना ने इस सप्ताह सोमवार को अराकान सेना के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी। अराकान सेना पश्चिमी रखाइन राज्य में सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है। द इरावाडी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार की थल, वायु और नौसेना बलों की तीनों विंग ने आतंकवादी समूह के खिलाफ समन्वित कार्रवाई किया।
रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के सैन्य अभियानों के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वायु सेना के जेट विमानों ने जमीनी सैनिकों और नौसैनिक बलों की मदद से पहाड़ में स्थित अराकान सेना की चौकियों पर तीन बार बमबारी की थी।
बता दें, म्यांमार के सैन्य और आतंकी समूह अराकान सेना के बीच यह झड़प पिछले एक महीने से अधिक समय से चल रहा है। हमलें से परेशान निवासियों को मजबूरन संघर्षग्रस्त इलाके को छोड़ कर जाना पड़ा। इलाके में बचे लोगों ने दावा किया कि मंगलवार को म्यांमार के सैन्यबलों द्वारा किया गया हवाई हमला अब तक का सबसे भयानक हमला था।
उनके मुताबिक, सेना अब तक केवल संदिग्ध अराकान सेना के ठिकानों पर बम गिराने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करती थी। लेकिन 3 से 5 अक्टूबर के दौरान दोनों सेना के बीच क्युकतान और हेटेसवे गाँवों के बीच औंगथारजी के पास जमकर गोलीबारी हुई। एक तरफ जहाँ म्यांमार की सेना ने कहा कि उसने 4 अक्टूबर को पहाड़ी को कब्जे में लिया था। वहीं अराकान सेना ने कहा कि उन्होंने वापस से 5 अक्टूबर को पहाड़ी पर कब्जा कर लिया।
गौरतलब है कि 2009 में उत्तरार्ध में गठन के बाद से म्यांमार सेना और अराकान सेना के बीच संघर्ष चल रहा है।अलगाववादी अराकान सेना म्यांमार की सेना के साथ लंबे समय से लड़ाई में उलझी हुई है। अराकान सेना म्यांमार के रखाइन राज्य में सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है और राजनीतिक दल यूनाइटेड लीग ऑफ़ अरकान (ULA) का सशस्त्र विंग भी है।
वहीं इस साल 23 मार्च को म्यांमार सरकार ने लोगों के अंदर डर पैदा करने और सरकार और नागरिकों के इलाकों में हमला करके देश की स्थिरता को बाधित करने के लिए अराकान सेना और उल्ला को आधिकारिकतौर ओर आतंकवादी समूह घोषित कर दिया था।
इस संगठन ने 2019 में चार पुलिस स्टेशनों पर कथित रूप से हमला किया था। जिस दौरान 20 पुलिस अधिकारी हताहत हुए। वहीं कुछ पुलिसकर्मियों की मौत भी हो गई थी।
यह भी आरोप लगाया गया है कि चीन म्यांमार की सेना के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए अराकान सेना को आधुनिक हथियार भी प्रदान कर रहा है।