Wednesday, September 18, 2024
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‘मारे गए 650 लोग, अल्पसंख्यकों को बनाया गया निशाना’: बांग्लादेश हिंसा पर UN की रिपोर्ट – बिना ज़रूरत किया गया बल प्रयोग

‘बांग्लादेश में हालिया विरोध प्रदर्शन और अशांति का प्रारंभिक विश्लेषण’ शीर्षक वाली 10-पृष्ठ की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अनावश्यक और अनुपातहीन बल का प्रयोग किया।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (यूएनएचसीआर) ने एक प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि 16 जुलाई से 11 अगस्त के बीच बांग्लादेश में अशांति के दौरान हिंसक घटनाओं में लगभग 650 लोग मारे गए। संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट में बताया है कि शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेशी सुरक्षा बलों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर अनावश्यक बल का प्रयोग किया, जिसके बाद भीड़ हिंसक हो गई और प्रदर्शनकारियों ने ढाका की सड़कों पर अपना कब्जा कर लिया।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बांग्लादेश में हुई हिंसा पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। ‘बांग्लादेश में हालिया विरोध प्रदर्शन और अशांति का प्रारंभिक विश्लेषण’ शीर्षक वाली 10-पृष्ठ की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अनावश्यक और अनुपातहीन बल का प्रयोग किया। इसके मजबूत संकेत हैं, जो आगे की स्वतंत्र जाँच की माँग करते हैं।

यूएन ने कहा कि कथित उल्लंघनों में न्यायेतर हत्याएँ, मनमाने ढंग से गिरफ्तारियां और हिरासत, जबरन गायब करना, यातना और दुर्व्यवहार तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा पर गंभीर प्रतिबंध शामिल हैं। रिपोर्ट में कानून और व्यवस्था की तेजी से बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही आगे की जानमाल हानि, हिंसा और प्रतिशोध की कार्रवाई को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा, बांग्लादेश में परिवर्तन यह सुनिश्चित करने का एक मौका था कि शासन अधिकारों और कानून पर आधारित हो। आगे आने वाला बदलाव देश की संस्थाओं में सुधार, उन्हें पुनर्जीवित करने, मौलिक स्वतंत्रता, नागरिक स्थान को बहाल करने और बांग्लादेश में सभी को भविष्य के निर्माण में हिस्सा देने का एक ऐतिहासिक अवसर प्रस्तुत करेगा। कहा, उल्लंघनों के लिए जवाबदेही और पीड़ितों के लिए न्याय आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही एक राष्ट्रीय उपचार प्रक्रिया की आवश्यकता होगी।

नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने यूएन जाँचकर्ताओं को उनके निष्कासन के साथ हुई हिंसा की जाँच करने के लिए आमंत्रित किया है। 84 वर्षीय यूनुस पिछले सप्ताह यूरोप से लौटे हैं और एक अस्थायी प्रशासन का नेतृत्व कर रहे हैं, जो लोकतांत्रिक सुधारों को आगे बढ़ाने की चुनौती का सामना कर रहा है।

इससे पहले, शुक्रवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और हिंदुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से टेलीफोन पर बात की। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार ने मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, संरक्षा और संरक्षा का आश्वासन दिया।”

बता दें कि बांग्लादेश में कई दिनों की अशांति और राजनीतिक उथल-पुथल के बाद अंतरिम सरकार का गठन हुआ। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने देश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के बाद मुहम्मद यूनुस को बधाई दी थी और बांग्लादेश में हिंदुओं सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की माँग की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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