नेपाल के सप्तरी जिले में बुधवार (मार्च 2, 2020) को वहाँ के प्रशासन ने कम से कम 18 मुस्लिमों को पकड़कर लक्ष्मी नारायण स्कूल में क्वारंटाइन किया। सभी निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात द्वारा आय़ोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस लौटे थे। इसके साथ ही उनके अन्य साथियों की तलाश में सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है।
नेपाल पुलिस के अनुसार 200 से अधिक लोग दिल्ली के तब्लीगी मरकज के लिए गए थे, जो वापस नेपाल आ चुके हैं। कोरोना जैसी महामारी देश में न फैले, इसलिए जल्द से जल्द सभी को पुलिस कस्टडी में क्वारंटाइन करने का फरमान नेपाल सरकार ने दिया है। नेपाल के सप्तरी और बारा जिले में गुरुवार को नेपाल पुलिस ने मदरसों में छापेमारी कर 20 लोगों को हिरासत में लिया है।
18 Nepali Muslims, who recently returned from India after participating in a #TablighiJamaat congregation in #Nizamuddin area in New Delhi, have been identified and kept in a quarantine facility in southern Nepal’s Saptari district, authorities said. https://t.co/s3ymWdEj5Z
— The Hindu (@the_hindu) April 1, 2020
वहीं एक अन्य मामले में नेपाल के विभिन्न भागों में गए 400 भारतीयों के बीरगंज इलाके में बॉर्डर बंद होने के कारण फँसे होने की सूचना है। परसा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गंगा पांटा के अनुसार, बॉर्डर पार कर भारत की ओर जाने वाले भारतीय नागरिकों के विशाल जनसमूह को एक शिक्षा संकाय भवन में रखा गया है। इन्हें नेपाल पुलिस खाना मुहैया करवा रही है।
इसके अलावा बता दें कि सप्तरी से नेपाल के काठमांडू पहुँचे 13 इंडोनेशियाई लोगों को गोदावरी विलेज रिज़ॉर्ट में कोरोंटाइन के लिए भेजा गया है। उन्हें शुरुआत में पुलिस द्वारा एक मस्जिद में ले जाया गया था, लेकिन जल्द ही सीमित सुविधाओं के कारण उन्हें रिसोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसमें 50 लोगों को रखा जा सकता है।
अब तक नेपाल में कोरोनोवायरस के केवल 5 मामलों के पुष्टि होने की सूचना है। लेकिन तब्लीगी जमात के कारण यहाँ पर इस संख्या में बढ़त होने के आसार हैं। क्योंकि, यदि भारत के संदर्भ में देखें तो अब तक जिस राज्य में भी इस जमात में शामिल लोग लौटें, वहाँ पर अकस्मात संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ।
बता दें कि नेपाल ने अपने देश को इस प्रकोप से बचाने के लिए काफी उपाय किए हैं। उन्होंने 23 मार्च से ही भारत और चीन की सीमा को सील किया हुआ है। साथ ही अपने देश के कई इलाकों में लॉकडाउन भी कर रखा है।
गौरतलब है कि जिस तब्लीगी जमात ने पूरे भारत में कोरोना के केसों को बढ़ाकर नेपाल की ओर अपने पैर बढ़ाए हैं। उसके प्रमुख की वायरल ऑडियो ने इस कार्यक्रम की मंशा को साफ कर दिया था। जिसमें वो कहता सुना जा सकता था कि लोग लॉकडाउन करके मस्जिदों को बंद करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इन सबसे कुछ नहीं होगा। इस समय में मस्जिदों को आबाद रखना सबसे ज्यादा जरूरी है और डॉक्टरों से ज्यादा अल्लाह पर विश्वास करना सबसे बड़ा काम।