भारत और नेपाल सदाबहार पड़ोसी रहे हैं। लेकिन चीन दोनों के रिश्तों में जहर घोलने की कोशिश करता रहता है। चीनी राजदूत की ऐसी ही कोशिशों का जवाब देते हुए नेपाल ने भारत का पड़ोसी होना सौभाग्य और गर्व की बात बताई है।
नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद ने बुधवार (6 सितंबर 2023) को कहा कि उनका देश भाग्यशाली है कि उसे भारत जैसा पड़ोसी मिला। उनके इस बयान से ठीक पहले नेपाल में चीन के राजदूत चेन सोंग ने पड़ोसी देश के साथ ‘गलत’ व्यवहार का आरोप भारत पर लगाया था। यह दर्शाने की कोशिश की थी कि भारत के साथ संबंध रखना नेपाल के हित में नहीं है।
सऊद ने संखुवासभा में शैक्षणिक संस्थान हिमालय किरण पब्लिक कैंपस भवन का उद्घाटन करते हुए कही। यह स्कूल भारत के आर्थिक सहयोग से बनाया गया है। नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव भी इस दौरान मौजूद थे। नेपाल के भारतीय दूतावास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें भी साझा की है।
क्या बोले नेपाल के विदेश मंत्री
नेपाल के भारतीय दूतावास ने सऊद की टिप्पणी का जिक्र अपने बयान में किया है। इसमें कहा गया है, “यह गर्व की बात है और नेपाल भाग्यशाली है कि उसके पास भारत जैसे पड़ोसी हैं, जिसने नेपाल और उसके लोगों के विकास में योगदान दिया है।”
नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि यह विकासात्मक परियोजना खास तौर से अहम है, क्योंकि यह नेपाली छात्रों की पीढ़ियों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करेगी और उनके भविष्य के करियर में मदद करेगी। सऊद ने यह भी कहा कि वह नेपाल के विकास में भारत से लगातार समर्थन की आशा रखते हैं।
कार्यक्रम में भारत के राजदूत श्रीवास्तव ने कहा कि यह परियोजना दोनों देशों की मजबूत विकास साझेदारी का अहम हिस्सा है। बयान के अनुसार, यह परियोजना नेपाल के साथ भारत की विकास साझेदारी का प्रतिबिंब है और नेपाल में शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने में नेपाल सरकार की कोशिशों की पूरक है।
Foreign Minister NP Saud mentioned that it was a matter of pride and Nepal was fortunate to have neighbour like India who has contributed to development of Nepal and its people. He further said that he looked forward to continued support from India in Nepal’s development. pic.twitter.com/vCu7qcFQiX
— IndiaInNepal (@IndiaInNepal) September 6, 2023
क्या थी परियोजना?
हिमालय किरण पब्लिक कैंपस से जुड़ी परियोजना 37.40 मिलियन नेपाली रुपए की लागत यानी 23 करोड़ भारतीय रुपए की है। नेपाल में भारतीय दूतावास के बयान के मुताबिक, हिमालय किरण पब्लिक कैंपस की स्थापना 1949 में हिमालय मिडिल स्कूल के रूप में की गई थी।
साल 2005 में इस स्कूल को हिमालय किरण पब्लिक कैंपस नाम देकर डिग्री पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए अपग्रेड किया गया था। इस परिसर में 600 से अधिक छात्र हैं, जिनमें से 60 फीसदी लड़कियाँ हैं। यह परिसर वर्तमान में बैचलर इन मैनेजमेंट एंड एजुकेशन और मास्टर इन एजुकेशन कार्यक्रमों की पेशकश कर रहा है।
साल 2003 से नेपाल में भारत लगभग 550 सामुदायिक विकास परियोजनाएँ शुरू कर चुका है। इनमें से 483 पूरी हो चुकी हैं। इनमें से 84 परियोजनाएँ कोशी प्रांत में हैं। इसके अलावा भारतीय स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर नेपाल के विभिन्न अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और शैक्षणिक संस्थानों को 974 एम्बुलेंस और 234 स्कूल बसें उपहार में दी गई हैं।
गौरतलब है कि नेपाल में चीन के राजदूत चेन सोंग ने भारत के साथ नेपाल के संबंधों को नकारात्मक तौर से पेश करने की कोशिश की थी। सोंग ने ‘नेपाल में भारत के प्रभाव’ के बारे में बात करते हुए उसे सावधानी से चलने की सलाह दी थी।