भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने ‘बेचैनी की समस्या’ (एंग्जायटी इश्यूज) का हवाला देते हुए पाँचवीं बार अदालत से बेल दिए जाने की अपील की है। इसके पहले इसी महीने (अक्टूबर, 2019 में) यूनाइटेड किंगडम की राजधानी लंदन की एक अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 11 नवंबर, 2019 (सोमवार) तक बढ़ा दी थी। नीरव मोदी ₹13,500 करोड़ की राशि के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले और मनी लॉन्डरिंग केस का मुख्य आरोपित हैं और भारत से फरार हैं। 48 साल के बिजनेसमैन ने लंदन की एक अदालत में एप्लीकेशन दाखिल कर याचना की कि उन्हें बेचैनी और डिप्रेशन (अवसाद) की दिक्कत है, इसलिए बेहतर होगा कि उन्हें जेल से बाहर निकाल कर घर ही में नज़रबंद रखा जाए।
#Breaking | Nirav Modi plays ‘victim card’; seeks bail claiming ‘anxiety’ issues.
— TIMES NOW (@TimesNow) October 30, 2019
More details by TIMES NOW’s Bhavatosh. pic.twitter.com/1H6B0zY9pk
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार नीरव मोदी ने इसके पहले अदालत से जमानत पाने की 4 और कोशिशें की थीं। 19 मार्च, 2019 को स्कॉटलैंड यार्ड के हाथों गिरफ्तार होने के बाद मोदी की लीगल टीम ने 4 बेल ऍप्लिकेशन्स लगाईं थीं, जिन्हें हर बार उनके भाग जाने (फ्लाइट रिस्क होने) के आधार पर ख़ारिज कर दिया गया। नीरव मोदी की लीगल टीम का नेतृत्व सॉलिसिटर आनंद दुबे और बैरिस्टर क्लेयर मोंट्गोमेरी कर रहे हैं।
अपने निर्णय में रॉयल कोर्ट्स ऑफ़ जस्टिस इन लंदन ने कहा था कि यह मानने के अच्छे भले कारण हैं कि मोदी को अगर जमानत दे दी गई तो उसकी अवधि समाप्त होने के बाद वे समर्पण नहीं करेंगे। उनके पास भाग निकलने के साधन हैं।
अपने निर्णय में रॉयल कोर्ट्स ऑफ़ जस्टिस इन लंदन के जज सिमलर ने वही चिंताएँ उठाईं, जो इसके पहले वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट ने मोदी के बेल पाने के प्रयासों के बारे में उठाईं थीं। जज सिमलर के अनुसार सभी प्रस्तुत मैटेरियल को ध्यान में रखने के बाद वे इस नतीजे पर पहुँची हैं कि इस केस में गवाहों के साथ छेड़छाड़ और सबूतों को नष्ट करने के सबूत मौजूद हैं। उनके हिसाब से ऐसा फिर से भी हो सकता है।
यहाँ यह जान लेना ज़रूरी है कि भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने भारतीय जाँच एजेंसियों और अदालतों द्वारा लगातार समन भेजे जाने के बावजूद भारत लौटने से इनकार कर दिया था। भारत उनके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन में कोशिश कर रहा है। मोदी के प्रत्यर्पण का मुकदमा ब्रिटेन में मई 2020 में शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। भारत ने उन पर आर्थिक अपराधों का आरोप लगाया है।