Thursday, November 14, 2024
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‘अब कोई नहीं रोक सकता युद्ध’: बड़ी बैठक में किम जोंग उन ने सेना को दिया ‘पूरे दक्षिण कोरिया को नेस्तनाबूत करने’ का आदेश, कहा – परमाणु बम से भी दो जवाब

किम जोंग उन ने सत्ताधारी पार्टी की पाँच दिनों की बैठकों के समापन पर वाशिंगटन पर जोरदार हमला बोला है। इसके तहत उन्होंने आने वाले साल के लिए आर्थिक, सैन्य और विदेश नीति के लक्ष्य निर्धारित किए।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने ऐलान किया है कि परमाणु शक्ति को बढ़ावा देने के लिए वो 2024 में 3 और जासूसी उपग्रह लॉन्च करेंगे। इसके साथ ही तानाशाह ने साफ कर दिया है कि वो युद्ध की तैयारी कर रहे हैं।

कोरियन सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी (KCNA) ने रविवार (31 दिसंबर, 2023) को ये खुलासा किया है कि किम जोंग उन ने कहा है कि अमेरिकी नीति युद्ध को जरूरी बना रही है। तानाशाह किम ने अपनी न्यूक्लियर पॉवर का जखीरा बढ़ाने का ये ऐलान ‘वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया’ की साल की आखिरी की बैठक में किया।

किम जोंग उन ने सत्ताधारी पार्टी की पाँच दिनों की बैठकों के समापन पर वाशिंगटन पर जोरदार हमला बोला है। इसके तहत उन्होंने आने वाले साल के लिए आर्थिक, सैन्य और विदेश नीति के लक्ष्य निर्धारित किए। केसीएनए ने लिखा है कि किम ने कहा, “दुश्मनों के हम पर आक्रमण करने के बेपरवाह कदमों की वजह से यह पक्का है कि कोरियाई प्रायद्वीप पर किसी भी वक्त युद्ध छिड़ सकता है।”

यही नहीं, किम जोंग उन ने सेना को जरूरी होने पर किसी भी हमले के जवाब में परमाणु बम सहित दक्षिण कोरिया के पूरे क्षेत्र को नेस्तनाबूद करने के लिए तैयार रहने का आदेश जारी किया है। इसी बैठक में किम ने ऐलान किया, “हम 2023 में पहले स्पाई सैटेलाइट को कामयाबी से लॉन्च करने और संचालित करने के अनुभव के आधार पर अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को तेज़ी से बढ़ावा देने के लिए 2024 में तीन और स्पाई सैटेलाइट लॉन्च करेंगे।”

बताते चलें कि इस साल की शुरुआत में ही उत्तर कोरिया ने कामयाबी के साथ अपना स्पाई सैटेलाइट लॉन्च किया था। इसे लेकर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने मिलकर ऐतराज जताते हुए उसकी खासी आलोचना की थी। यहीं नहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस पर खासा एतराज जताया था। कहा जा रहा है कि उत्तर कोरिया का ये स्पाई सैटेलाइल पहले ही व्हाइट हाउस, पेंटागन और अमेरिका के अहम सैन्य ठिकानों की तस्वीरें ले चुका है।

यहाँ ये बात गौर करने लायक है उत्तर कोरिया के नेता ने ये ऐलान उस वक्त किया है जब दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों में अहम चुनाव होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के आसपास फायदा उठाने के लिए उत्तर कोरिया सैन्य दबाव बनाए रखेगा। माना जा रहा है कि ये पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी हो सकती है। डोनाल्ड ट्रम्प के समय उत्तर कोरिया के साथ अमेरिका के रिश्ते सुधारने की कोशिशें हुई थीं।

सोल में इवा वुमंस यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय स्टडी के प्रोफेसर लीफ-एरिक इस्ले ने कहा, “प्योंगयांग अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का इंतजार कर रहा होगा, यह देखने के लिए कि उसके उकसावे उसे अगले प्रशासन में क्या फायदा पहुँचा सकते हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन प्रशासन कहता है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन उत्तर कोरिया ने यूएन के प्रतिबंधों के बाद भी और अधिक मिसाइल परीक्षण किए इसके बाद अमेरिका ने उस पर नए प्रतिबंध लगा दिए।

उधर अमेरिका ने भी सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया। उसने कोरियाई प्रायद्वीप के पास परमाणु-सशस्त्र पनडुब्बियों और बड़े विमान वाहक तैनात कर दिए हैं। वहीं दक्षिण कोरिया के यूनिफिकेशन मंत्रालय कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले उत्तर कोरिया अपनी ताकत दिखाने के लिए उकसावे की कार्रवाई कर सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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