इसी साल अगस्त के आखिर में सोशल मीडिया में एक एटीएम चोर का वीडियो वायरल हुआ था। सलाहुद्दीन अयूबी नामक यह चोर पाकिस्तान का था। वीडियो में वह सीसीटीवी कैमरे की ओर देख जीभ निकालकर कैमरे को चिढ़ाने जैसी हरकत करता नजर आया था। फिर सितंबर के शुरुआत में खबर आई कि पाकिस्तानी पुलिस ने हिरासत में उसे इतना प्रताड़ित किया कि उसकी मौत हो गई। अब खबर यह है कि उसके तीनों कातिल रिहा कर दिए गए हैं। रिहाई आतंकी सरगना हाफिज सईद के दखल के बाद हुई है।
इससे पता चलता है कि भले दुनिया को झॉंसा देने के लिए पाकिस्तान ने हाफिज को जेल में बंद कर रखा हो, लेकिन उसके दबदबे में कोई कमी नहीं आई है। बताया जाता है कि हाफिज ने अयूबी के परिजनों को कातिलों को माफ करने के लिए मजबूर कर दिया था। इसके बाद अदालत ने तीनों को छोड़ दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान पुलिस के तीन अधिकारियों पर अयूबी को हिरासत में प्रताड़ित करने का आरोप था। हाफिज सईद की मध्यस्थता के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जाहिद हुसैन बख्तियार ने तीनों आरोपित महमूदुल हसन, शफात अली और मतलूब हुसैन को बरी कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये पूरी कार्रवाई सईद के निर्देशों पर हुई। वीडियो वायरल होने के बाद मानसिक रूप से कमजोर अयूबी को रहीम यार खान की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। थर्ड डिग्री के इस्तेमाल के लिए बेहद कुख्यात पाकिस्तानी पुलिस की हिरासत में उसकी मौत ने पूरे मुल्क में आक्रोश पैदा कर दिया था। आरोपित पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग हुई थी। इसके बाद उच्चाधिकारियों ने घटना की जॉंच के आदेश देते हुए कहा था कि घटना में संलिप्त बख्शे नहीं जाएँगे।
आतंकी हाफिज सईद ने मिडिएटर बनकर कातिलों की सजा माफ करवाईhttps://t.co/XujksCbx3r
— News18Hindi (@HindiNews18) November 4, 2019
हालाँकि मामला जब कोर्ट में पहुँचा तो पीड़ित परिवार के सामने अदालत ने तीन विकल्प रखे कि या तो वे खून के बदले आरोपितों से धन ले लें, या अल्लाह के नाम पर उन्हें माफ कर दें या फिर कानूनी लड़ाई के लिए आगे बढ़ें। लेकिन यहाँ परिवार ने पुलिसकर्मियों को माफ करने का विकल्प चुना।
इस संबंध में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरोपितों को बरी करवाने के लिए सईद ने मृतक के परिजनों से जेल में मुलाकात की थी, जहाँ उसने उन्हें पुलिसकर्मियों को माफ करने के लिए मजबूर किया। परिवार को राजी करने के लिए आरोपित पुलिसकर्मियों, उनके अधिकारियों और मृतक के परिजनों ने जेल में सईद के साथ कई बैठकें की, जिसके बाद समझौता संभव हुआ। खबरों के अनुसार जब अयूबी के पिता से इस मामले में संपर्क किया गया तो उन्होंने पुष्टि की कि परिवार ने सईद की ‘इच्छा’ पर पुलिसकर्मियों को माफ कर दिया है।