पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से जुझ रहा है। उस पर कंगाल होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कह दिया कि उनका मुल्क दिवालिया हो चुका है, वह एक दिवालिया देश के रहने वाले हैं। उन्होंने यह बयान शनिवार (18 फरवरी, 2023) को दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के सियालकोट में एक प्राइवेट कॉलेज के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “आपने सुना होगा कि पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट या दिवालिया होने वाला है। एक मेल्टडाउन होगा, लेकिन यह पहले ही दिवालिया हो चुका है। हम सब दिवालिया देश में रह रहे हैं।”
Pakistan’s Defence Minister has officially announced that Pakistan has defaulted!!! pic.twitter.com/Zhvo0L6Gm0
— Azhar Mashwani (@MashwaniAzhar) February 18, 2023
ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान की समस्याओं का हल देश में ही है। लेकिन पाकिस्तान आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) की ओर देख रहा है। वह इसमें कोई मदद नहीं कर सकता। उन्होंने कहा है कि देश 1500 एकड़ सरकारी जमीन पर गोल्फ क्लब बनाए गए। अब अगर पाकिस्तान अपने दो गोल्फ क्लब को भी बेच देता है तो एक चौथाई कर्ज उतर जाएगा।
इमरान खान सरकार पर आरोप मढ़ते हुए उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान के संविधान को बार-बार नज़रअन्दाज़ किया गया है। डेढ़ साल पहले आतंकवादियों को देश में बसने दिया गया और खतरनाक खेल खेले गए। वहीं, आलोचकों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
बता दें कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की स्थिति में है। लगातार गिरावट के बाद पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 300 करोड़ डॉलर ही बचा हुआ है। माना जा रहा है कि यदि स्थितियाँ ऐसी ही रहीं तो पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार आगामी 3 हफ़्तों में समाप्त हो जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान की आखिरी उम्मीद IMF (विश्व मुद्रा कोष) पर टिकी हुई है। यदि समय रहते IMF ने पाकिस्तान को सहायता नहीं दी तो पाकिस्तान दिवालिया हो सकता है।
3 बार दिवालिया हो चुका है पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान अब तक कुल 3 बार दिवालिया हो चुका है। पाकिस्तान पहली बार दिवालिया साल 1971 में हुआ था। तब भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उसकी हालत बेहद नाजुक हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान को मजबूरन खुद को दिवालिया घोषित करना पड़ा था। यही नहीं, साल 1998 में, परमाणु परीक्षण करने के बाद पाकिस्तान फिर से दिवालिया हो गया था। उस समय पाकिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगे थे। इससे उसे विदेशी सहायता मिलना बंद हो गई थी।
वहीं, साल 2002 में एक बार फिर पाकिस्तान अपने नेताओं की गलतियों यानी राजनीतिक और आर्थिक हालतों के चलते दिवालिया हुआ था।