Monday, December 23, 2024
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इमरान खान पर दर्ज हुआ ईशनिंदा का मुकदमा, हो सकते हैं गिरफ्तार: नए वाले PM को मस्जिद में चोर और भिखारी बताने का मामला

फवाद चौधरी ने अपनी याचिका में शहबाज शरीफ सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और याचिका में फवाद चौधरी ने कहा कि नवनियुक्त गृह मंत्री पीटीआई नेतृत्व को निशाना बना रहे हैं और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की ''खुली धमकी'' भी दी गई है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के खिलाफ ईशनिंदा की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। वहीं, इमरान खान की पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे को गैर-कानूनी बताया है, लेकिन रिपोर्ट है कि इमरान खान के खिलाफ मौजूदा सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती है।

क्या है मामला

दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सऊदी अरब दौरे के दौरान मदीना मस्जिद में ‘चोर-चोर’ और ‘भिखारी-भिखारी’ के नारे लगाए गए, जिसको लेकर सऊदी अरब की तरफ से काफी सख्त प्रतिक्रिया दी गई है और पाक मस्जिद का इस्तेमाल राजनीति के लिए करने के आरोप में कई पाकिस्तानियों को सऊदी अरब से वापस पाकिस्तान भेज दिया गया है।

वहीं, इस्लामी मौलानाओं ने भी मदीना मस्जिद में नारेबाजी को नापाक बताया है। जिसको लेकर पाकिस्तान में इमरान खान समेत 150 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएस-एन का कहना है कि इमरान खान के इशारे पर ही पाक मस्जिद में इतनी घटिया हरकत की गई है, जिससे सऊदी अरब की प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ा है। इमरान खान के अलावा, फवाद चौधरी, नेशनल असेंबली के पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी समेत 150 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

FIR में क्या हैं आरोप?

इमरान खान के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उसमें उनपर गुंडागर्दी करने और पैगंबर का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। ये आरोप फैसलाबाद के रहने वाले नईम भट्टी ने दर्ज करवाई है, जिसमें कहा गया है कि, इमरान खान ने शहबाज शरीफ के खिलाफ नारेबाजी कराने के लिए 100 से ज्यादा लोगों को सऊदी अरब स्थिति पवित्र मदीना मस्जिद में भेजा था, जिन्होंने मस्जिद के अंदर नापाक नारेबाजी की, जिससे मस्जिद को अपवित्र करने की कोशिश की गई और पैगंबर का अपमान किया गया है। जिसके बाद पाकिस्तान पुलिस ने इमरान खान के खिलाफ धारा 295A, 295-A, 296 और 109 के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जो ईशनिंदा का मुकदमा है।

इमरान की पार्टी गई हाईकोर्ट

वहीं, पीटीआई नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार (मई) को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में एक रिट याचिका दायर कर ईशनिंदा कानूनों के तहत पार्टी नेतृत्व के खिलाफ दर्ज मामलों को “अवैध” करार देने की याचिका लगाई है। पीटीआई नेताओं ने कहा कि यह घटना एक सहज प्रतिक्रिया थी और जनता के गुस्से को दर्शाती है, जबकि, सरकार का दावा है कि यह पीटीआई नेतृत्व द्वारा नियोजित और सुनियोजित थी। वहीं, उच्च न्यायालय के सहायक रजिस्ट्रार असद खान ने पुष्टि की कि याचिका मिल गई है। फवाद की ओर से पीटीआई की कानूनी टीम एडवोकेट फैसल फरीद और एडवोकेट अली बुखारी ने याचिका दायर की है।

सबक सिखाने के लिए FIR

फवाद चौधरी ने अपनी याचिका में शहबाज शरीफ सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और याचिका में फवाद चौधरी ने कहा कि नवनियुक्त गृह मंत्री पीटीआई नेतृत्व को निशाना बना रहे हैं और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की ”खुली धमकी” भी दी गई है। उन्होंने कहा कि “विश्वसनीय स्रोतों” के माध्यम से उन्हें पता चला था कि, मौजूदा सरकार ने उन्हें और पीटीआई के अन्य नेताओं को “सबक सिखाने का फैसला किया है जो वो जिंदगी भर ना भूले।”

ईशनिंदा है पाकिस्तानियों का हथियार

पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून राजनेताओं के हाथ का एक सबसे धारदार हथियार माना जाता है और जब इमरान खान खुद प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने इस हथियार से कई विपक्षी नेताओं को हलाल कर दिया। जबकि, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान सरकार को ईशनिंदा कानून खत्म करने पर विचार करने को कहा था, लेकिन इमरान खान ने ईशनिंदा कानून को खत्म करने के बजाए इसे और धारदार बना दिया। लेकिन, अब इसी कानून के जरिए इमरान खान के पर भी कतरने की कोशिश की जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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