पाकिस्तान में इमरान खान की नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर किए गए भारी भरकम दावों के बावजूद हमारे पड़ोसी देश में हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों पर लगातार धार्मिक उत्पीड़न और अत्याचारों की खबर सामने आ रही है।
पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने शुक्रवार (दिसंबर 01, 2021) को ऐसी ही एक हिन्दू उत्पीड़न की जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की। जिसमें उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के पंजाब के बहु भाटी गाँव में एक मुस्लिम व्यक्ति ने जबरन रतन लाल की बेटी मिजा कुमारी का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया और निक़ाह करने के लिए बलपूर्वक उसका इस्लाम में धर्मांतरण कर दिया गया।
We’ll kill ourselves if our daughter is not given back. We are poor, we can’t fight with culprits, no one is helping us in Pakistan. We request, who watching this video to help us” Says Hindu Parents, Rattan Lal & his wife, their daughter Miza is taken for rape & conert to Islam pic.twitter.com/XJYiPyxuXS
— Rahat Austin (@johnaustin47) January 1, 2021
एक्टिविस्ट ने पीड़िता के माता-पिता की एक वीडियो शेयर की, जिसमें उन्होंने लोगों से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा, “यदि हमारी बेटी हमें वापस नहीं मिलती है तो हम आत्महत्या कर लेंगे। हम गरीब हैं, हम दोषियों से नहीं लड़ सकते, पाकिस्तान में कोई भी हमारी मदद नहीं कर रहा है। जो हमारी वीडियो देख रहा है, हम उनसे मदद का अनुरोध करते हैं।”
मामले को शेयर करते हुए राहत ऑस्टिन ने अपने ट्वीट में लिखा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने 27 अगस्त, 2020 को अपहरण किए जाने के बाद से लापता हुई लड़की के माता-पिता की मदद करने के बजाय, रतन लाल के खिलाफ ही एक झूठा मामला दर्ज किया है।
A Hindu girl Miza Kumari D/o Rattan Lal is abducted for rape & conversion to Islam, village Bahu bhati, Sialkot, Punjab-Pakistan. Parents say no one is helping them, they have no resources to persue their daughter. Police instead helping them registered false case against Father pic.twitter.com/bawOFI6AFV
— Rahat Austin (@johnaustin47) January 1, 2021
राहत ऑस्टिन ने आगे बताया कि लड़की का 2 सितंबर, 2020 को जबरन इस्लाम धर्म में परिवर्तित कर दिया गया, हालाँकि इसका प्रमाणपत्र और विवाह प्रमाणपत्र दोनों फर्जी है।
गौरतलब है कि धर्मांतरण और विवाह प्रमाण पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि लड़की एक ईसाई थी, जबकि वह वास्तव में एक हिंदू है। चूँकि, प्रमाण पत्रों में फर्जी तथ्यों का सहारा लिया गया इसलिए राहत ऑस्टिन ने तर्क दिया कि इस हिसाब से दोनों ही सर्टिफिकेट अमान्य हैं।
दूसरी बात, लड़की के धर्मपरिवर्तन से एक दिन पहले 1 सितंबर, 2020 को मुस्लिम युवक ने निक़ाह किया था। ऑस्टिन ने कहा कि रूढ़िवादी इस्लामी कानूनों के अनुसार, एक मुस्लिम व्यक्ति को गैर-मुस्लिम से शादी करने की मनाही है, जब तक कि वह इस्लाम में परिवर्तित नहीं हो जाती, इसलिए यह निक़ाह अवैध है।
राहत ऑस्टिन ने एक बार फिर से पाकिस्तान में मानवाधिकारों के चल रहे खुले उल्लंघनों को सामने लाया है, जो कि अधिकारियों द्वारा चरमपंथियों या धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले लोगों को दंडित करने के लिए दिखाई गई उदासीनता को भी उजागर करता है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता की इस खबर से एक फिर पड़ोसी देश में मानवाधिकारों के चल रहे उल्लंघन को सबके सामने ला दिया है। इसके अलावा, यह अधिकारियों द्वारा कट्टरपंथी लोगों को बढ़ावा देने और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली प्रवत्ति को भी उजागर करता है।