पाकिस्तान वर्तमान दौर में जबरदस्त राजकोषीय घाटे से गुजर रहा है। यह घाटा पिछले 13 वर्षों में सबसे ज्यादा है। जनवरी 2022 में यह घाटा लगभग 2.6 बिलियन डॉलर (19,514 करोड़ रुपए) दर्ज किया गया है। आयात शुल्कों में तेजी आने के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पाद मूल्यों में बढ़ोतरी दर्ज होने इस घाटे की सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है।
‘स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान’ ने 24 फरवरी, 2022 (गुरुवार) को आँकड़े जारी करते हुए बताया, “दिसंबर 2021 में यह घाटा 190 करोड़ डॉलर था। जनवरी 2022 में यह घाटा बढ़ कर 260 करोड़ डॉलर हो गया।” इस से पहले साल 2008 में यह घाटा निम्नतम स्तर पर था।
The current account deficit rose to $2.6bn in Jan22 from $1.9bn in Dec21, largely due to imports in kind that are fully financed. Excluding these, the deficit would have been around $1bn lower in Jan22. For details, see https://t.co/Od8ikVvpBF pic.twitter.com/pJEzuYG1Go
— SBP (@StateBank_Pak) February 24, 2022
पाकिस्तान के Geo News के मुताबिक पाकिस्तान कुवैत निवेश कम्पनी के रिसर्च प्रमुख सैमुल्लाह तारिक ने घाटे को अप्रत्याशित बताया है। वहीं आरिफ हबीब लिमिटेड के रिसर्च हेड ताहिर अब्बास ने इसको पाकिस्तान के इतिहास में अब तब का सबसे बड़ा राजकोषीय घाटा बताया है।
Given fast increase in Imports, negligible improvement in Exports and thus growing Current Account Deficit & rising oil prices it is feared that Pakistan may have to join another IMF program in Sept 2022? Can Pakistan ever break this cycle? https://t.co/DxMqxbg5Te via @YouTube
— Moeed Pirzada (@MoeedNj) February 21, 2022
इस घाटे के चलते पाकिस्तान में तेलों के दाम भी बढ़े हैं। इसको ले कर पाकिस्तान के ग्लोबल विलेज स्पेस TV के CEO ने भी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने संदेह जाहिर किया है कि क्या पाकिस्तान साल 2002 के IMF (International Monetary Fund) प्रोग्राम में हिस्सा ले पाएगा ? हर मोर्चे पर असफल पाकिस्तान के लिए अब आर्थिक मोर्चे को संभालना बड़ी चुनौती होगी।