Friday, November 15, 2024
Homeविविध विषयअन्य'मंदिर बनाने का फैसला... हम इस फैसले को जूती के ऊपर रखते हैं' -...

‘मंदिर बनाने का फैसला… हम इस फैसले को जूती के ऊपर रखते हैं’ – इस्लामाबाद में कट्टरपंथियों ने उगला जहर

इस्लाम का हवाला देकर भड़काते हुए मौलवी कहता है कि वो इस्लामाबाद जिसे इस्लाम के नाम पर आबाद किया गया, उसके अंदर ये लोग मंदिर बनाना चाहते हैं। पहले पाकिस्तान के अंदर गुरुद्वारे बनाए गए। अब मंदिर बना देना चाहते हैं।

पिछले दिनों पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हिंदुओं के लिए मंदिर बनाए जाने को लेकर चर्चाएँ काफी गर्म रहीं। सोशल मीडिया पर इस मामले पर कई प्रतिक्रिया आईं। किसी ने इस कदम को पाकिस्तानी हिंदुओं के हित में बताया तो किसी ने इसे इमरान सरकार की कोई युक्ति की तरह देखा। 

लेकिन इसी बीच एक मत कट्टरपंथियों का भी सामने आया। जिन्होंने इस खबर को सुनते ही इसका विरोध शुरू कर दिया और देखते ही देखते इस मसले पर कुछ मजहबी उलेमाओं की वीडियो भी वायरल होना शुरू हो गई।

फेसबुक पर वायरल एक वीडियो में हम एक मौलवी से उसका उपदेश इस मसले पर सुन सकते हैं। हालाँकि वीडियो कब की है? इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। लेकिन उलेमा इस वीडियो में इस्लामाबाद में बनने जा रहे मंदिर पर ही अपनी राय रख रहा है। इस वीडियो में वह हिंदुओं के ख़िलाफ़ व उनके धार्मिक स्थलों के ख़िलाफ़ जहर उगलता दिख रहा है। 

हम सुन सकते हैं मौलवी वीडियो में कहता है कि इस्लामी रियासत में काफिरों के लिए उनका इबादतखाना नहीं बनाया जा सकता। तो फिर आखिर कैसे इस्लामाबाद में मंदिर बनाने का ऐलान किया गया? मौलवी आगे कहता है, “हम इस फैसले को जूती के तलवे के ऊपर रखते हैं।”

अपने अनुयायियों को इस्लाम का हवाला देकर भड़काते हुए मौलवी कहता है कि वो इस्लामाबाद जिसे इस्लाम के नाम पर आबाद किया गया। उसके अंदर ये लोग मंदिर बनाना चाहते हैं। पहले पाकिस्तान के अंदर गुरुद्वारे बनाए गए। अब आज मंदिर बना देना चाहते हैं।

मौलवी अपने भाषण में मस्जिद में राजा रणजीत सिंह की मूर्ति लगाने को लेकर भी सवाल करता है और उनका उल्लेख करते हुए कहता है कि ऐसा करके इस्लाम का जनाजा निकाला गया।

मौलवी की मानें तो काफिर यानी हिंदुओं के लिए कोई भी इबादतखाना बनवाने की इजाजत इस्लाम बिलकुल भी नहीं देता। तो फिर आखिर प्रशासन ने किस नियम के तहत इस्लामाबाद के अंदर मंदिर बनाने का ऐलान किया?

गौरतलब है कि इस मामले में इस मौलवी की यह अकेली वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल नहीं हो रही। बल्कि कुछ अन्य वीडियोज भी है, जिसमें इस्लामाबाद में मंदिर बनने के फैसले पर कट्टरपंथी ये सवाल पूछ रहे हैं कि क्या हुकूमत का नाम इस्लामाबाद इसलिए रखा गया था कि यहाँ पर हिंदुओं के लिए मंदिर बनाकर उसे मंदिराबाद बनाने की कोशिश की जाए?

बता दें कि पिछले हफ्ते खबर आई थी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहली बार हिंदुओं के लिए मंदिर बनने जा रहा है। इसकी आधारशिला मंगलवार को रखी गई। इस मंदिर को इस्लामाबाद के H-9 इलाके में 20 हजार वर्गफुट क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसका नाम श्री कृष्ण मंदिर होगा। इसे बनाने में लगभग 10 करोड़ रुपयों का खर्चा आएगा। ये सभी खर्चा इमरान सरकार उठाएगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को दी चिट… 500 जनजातीय लोगों पर बरसने लगी गोलियाँ: जब जंगल बचाने को बलिदान हो गईं टुरिया की...

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को चिट दी जिसमें लिखा था- टीच देम लेसन। इसके बाद जंगल बचाने को जुटे 500 जनजातीय लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -