पाकिस्तान के सिंध प्रान्त की राजधानी कराची में एक व्यक्ति की मॉब लिंचिंग की कोशिश की गई। आरोप है कि उसने कुरान का अपमान किया। पुलिस अधिकारियों के सामने ही इस्लामी भीड़ ने ईशनिंदा का आरोप लगा उसे मारने की कोशिश की। साउथ एशिया मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (SAMRI) के अनुसार, कराची की गारमेंट्स फैक्ट्री में घुसी भीड़ उक्त व्यक्ति को बाहर खींच कर ले आई।
उक्त व्यक्ति का कहना है कि उसने कुरान का अपमान नहीं किया है, बल्कि मौलानाओं से कुछ सवाल पूछे क्योंकि वे पैसे लेकर समस्याओं के समाधान का झूठा दावा करते हैं। जेबी गारमेंट्स नामक फैक्ट्री के बाहर हुए इस वारदात का वीडियो भी वायरल हो गया। इसमें देखा जा सकता है कि किस तरह भीतर आक्रोशित इस्लामी भीड़ घुस रही है, ताकि उस व्यक्ति की हत्या की जा सके।
इस्लामी भीड़ इसके साथ ही ‘नारा-ए-तकबीर’ और ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे भी लगा रही थी। हालाँकि, इस हमले में वो व्यक्ति तो किसी तरह बच गया लेकिन उसे गहरी चोटें आईं। पुलिस उसे बचाने में अक्षम रही, जबकि वहाँ कई पुलिसकर्मी और रेंजर्स उपस्थित थे। इस घटना के कई अन्य वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। लोग इस कट्टरता का विरोध कर रहे हैं।
Sher Shah, Karachi. Islamist mob lynched a man to death in JB Garments Factory for allegedly desecrating a copy of the Holy Quran. Police and Rangers, heavily outnumbered, failed to protect the accused.https://t.co/1LtaLfz5Ly pic.twitter.com/1dRps0LHF3
— SAMRI (@SAMRIReports) March 6, 2021
पीड़ित ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर कहा कि उसके परिवार में कुछ समस्याएँ आ गई थीं, जिसके बाद उसने एक मौलाना से समाधान के लिए संपर्क किया था। उसका कहना है कि मौलाना ने पैसे तो ले लिए लेकिन समस्या के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किया। उसके एक दोस्त ने उससे उसकी बीवी के बारे में पूछा था, जिसके उत्तर में उसने बताया था कि मौलाना से संपर्क करने के बावजूद उसकी बीवी ने उससे 7 महीनों से संपर्क नहीं किया है।
#Blasphemy. Karachi. Mob lynched a man to death for allegedly blasphemy.
— Prem Rathi ☪︎ (@PremRathee) March 6, 2021
VIDEO#2 pic.twitter.com/rybuzlVjFq
इस पर उसके दोस्त ने बताया कि वह एक अन्य मौलाना को जानता है, जो उसकी मदद कर सकता है। इस पर इस व्यक्ति ने कहा कि मौलाना लोग पैसे ले लेते हैं और बाद में कहते हैं कि उसे भूल जाओ। उसने कहा कि वह नए मौलाना को दोगुनी धनराशि देने के लिए तैयार है, लेकिन काम हो जाने के बाद ही। उसने पूछा कि इसमें कुरान के प्रति क्या आपत्तिजनक हो गया? उसने कुरान का नाम तक नहीं लिया था।
नवंबर 2020 में पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने ईशनिंदा पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में ईशनिंदा अस्वीकार्य और असहनीय है।” इसके जवाब में यूएन वॉच ने अपने ट्वीट में लिखा था, “संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में आपकी (पाकिस्तान) की मौजूदगी ही असहनीय है।”