अनुच्छेद-370 (Article-370) को निष्प्रभावी कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित राज्यों में बाँटने के मोदी सरकार के फैसले से बौखलाया पाकिस्तान बयानबाजी से बाज नहीं आ रहा। बृहस्पतिवार (अगस्त 08, 2019) को इस मसले पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फ़ैसल ने कहा कि भारत अपने नागरिकों के मानवाधिकारों का हनन और संयुक्त राष्ट्र संघ की उपेक्षा कर रहा है।
The Weekly Press Briefing by the Spokesperson can be accessed on the following link:https://t.co/0plA20X93w
— Dr Mohammad Faisal (@ForeignOfficePk) August 8, 2019
मोहम्मद फ़ैसल ने कहा कि भारत ने ऐसा कर दक्षिण एशिया की स्थिरता और शांति को जोखिम में डाल दिया है। एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते उन्होंने कहा, “भारत ने ऐसा कर दक्षिण एशिया की स्थिरता और शांति को जोखिम में डाल दिया है। यह लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है और दुनिया भर से लोग बोल भी रहे हैं। इसके लिए लंबा संघर्ष करना होगा, ये सात दशक का क़िस्सा है कोई दो-चार बरस की बात नहीं है। मामला तो अभी चलेगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर नोटिस ले रहा है।”
कश्मीर में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती और युद्ध की आशंका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मोहम्मद फ़ैसल ने कहा, “हम मुस्लिम हैं और डर शब्द हमारी डिक्शनरी में नहीं है। इसको निकाल दें। हम डरते नहीं। 27 फ़रवरी को याद रखा जाए, फिर डर की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी। हिन्दुस्तान जो भी करना चाहता है उसका जवाब पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति और संसद ने बुधवार को दे दिया है।’
बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद 27 फ़रवरी को जब पाकिस्तान ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी तो भारतीय मिग ने उसके विमानों को खदेड़ दिया था। इस दौरान एक मिग विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और पाकिस्तान ने भारतीय पायलट अभिनन्दन को अपने क़ब्ज़े में ले लिया था।
‘सैन्य कार्रवाई पर विचार नहीं’
पाकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने कहा कि पकिस्तान सरकार भारत के साथ बने मौजूदा हालात से निपटने के लिए कूटनीतिक विकल्पों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अनुच्छेद-370 हटाने के खिलाफ कानूनी विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई के बारे में विचार नहीं कर रहा है।
370 पर फैसले के अगले ही दिन पाकिस्तान के नेताओं ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की धमकी भी दी थी। लेकिन, भारत के रुख से डरा पाकिस्तान अब कूटनीति के जरिए हालात से निपटने की बातें कर रहा है। इमरान खान और नरेंद्र मोदी सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भाग लेंगे और संभावना है कि दोनों नेता अपने संबोधन में कश्मीर को प्रमुखता देंगे।