पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने साल 2018 में देश से गरीबी मिटाने के लिए ‘मुर्गी पालन’ योजना शुरू की थी। इसके तहत सरकार ने गरीब महिलाओं को अंडा और चिकन उपलब्ध कराने का वादा किया था, जिससे वह खुद का मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू कर सकें। हालाँकि, जिस योजना को इमरान खान मास्टर स्ट्रोक समझ रहे थे, वह धराशायी हो गई है।
पाकिस्तानी समाचार मीडिया सिटी 41 ने गुरुवार (2 सितंबर 2021) को बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा शुरू की गई ‘मुर्गी पालन’ योजना से देश के गरीबों को कोई भी लाभ नहीं पहुँचा।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुर्गियों के अंडों को बाजार में बेचने की बजाए, मुर्गे लेने वाले नागरिकों ने उन्हें काटकर खा लिया। इनमें से कुछ मुर्गियाँ अंडे भी नहीं देती थीं। आंतरिक रिपोर्ट कहती है कि अब तक तीन प्रतिशत मुर्गियाँ मर चुकी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 90% लोगों ने बाजार में एक भी अंडा नहीं बेचा है और खुद ही इसका सेवन किया। इनमें 10% मुर्गियाँ अंडे भी नहीं देतीं। हालाँकि, 80% नागरिक चाहते हैं कि यह योजना जारी रहे।
‘मुर्गी पालन’ योजना इस साल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शुरू की गई थी। योजना के तहत यहाँ 2021 के अंत तक 5,00,000 मुर्गियों को वितरित किया जाएगा। यहाँ केवल 1,050 पाकिस्तानी रुपए की सब्सिडी दर पर लोगों को मुर्गियाँ दी जाएँगी, जबकि इसकी वास्तविक कीमत 1,500 रुपए है। पिछले वर्ष, 50,000 परिवारों के बीच 3,24,000 मुर्गियाँ वितरित की गई थी। इस साल इस योजना के अंतर्गत 72,000 परिवारों को लाभ पहुँचने की उम्मीद है।
सहायक निदेशक और परियोजना पर्यवेक्षक डॉ. अतहर महमूद ने कहा, “पंजाब में वितरित होने वाली सभी मुर्गियों को हमारे पोल्ट्री फार्म में पाला जाता है।” उन्होंने कहा कि पंजाब में रावलपिंडी, अटक, दीना, सरगोधा, मुल्तान, बहावलपुर, बहावलनगर, गुजरात, मियांवाली और डेरा गाजी खान समेत 10 बड़े सरकारी पोल्ट्री फार्म हैं। यहाँ मुर्गियाँ सालाना 240 मिलियन करीब 2 अरब 40 करोड़ ( 2,40,00,00,000) अंडे देती हैं।”
यह पाकिस्तान से गरीबी मिटाने के लिए एक योजना है। इसमें गरीब महिलाओं को अंडा और चिकन दिया जाता है, ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। यह बात पाकिस्तान में विपक्षी दलों को रास नहीं आई, जिसको लेकर उन्होंने मुर्गी पालन योजना का मजाक उड़ाया था। हालाँकि, इमरान खान ने अपना बचाव करते हुए कहा था, “उपनिवेशक मानने वालों के लिए जब देसी मुर्गे गरीबी से लड़ने की बात करते हैं तो उनका मज़ाक उड़ाया जाता है, लेकिन अगर कोई “विलायती” देसी चिकन के बारे में बात करे तो उसे उसकी प्रतिभा समझा जाता है। उन्होंने दिसंबर 2018 में ट्विटर पर एक लेख साझा किया था जो बिल गेट्स के चिकन प्लान से संबंधित था।
For the colonised minds when desis talk about chickens combating poverty they get mocked, but when “walaitis” talk about desi chicken and poverty it’s brilliance! https://t.co/bjvQQIVoRv
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) December 1, 2018