कंगाल पाकिस्तान में लेमिनेशन वाले कागज की भी कमी हो गई है। जिससे पाकिस्तानियों को विदेश जाना मुश्किल हो गया है। आर्थिक संकट से जूझ रहा ये मुल्क इस कागज की कमी होने से पासपोर्ट नहीं बना पा रहा है जिससे वहाँ अब इसके लिए भी अफरा-तफरी मची हुई है और नए पासपोर्ट पर पूरी तरह रोक लगी हुई है।
आलम ये है कि पाकिस्तान के आव्रजन और पासपोर्ट महानिदेशालय (डीजीआई एंड पी) के अधिकारी इस मसले पर जनता को जवाब नहीं दे पा रहे हैं। केवल हालात के जल्द सही होने की बात कह कर वो लोगों को टाल रहे हैं।
इसे लेकर सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की खिल्ली भी उड़ रही है। लोग चुटकी ले रहे हैं । वहीं क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी पाकिस्तान के मजे लेते हुए लिखा, “विमान उड़ाने के लिए ईंधन नहीं। पासपोर्ट प्रिंट करने के लिए लेमिनेशन पेपर नहीं। क़ुदरत का निज़ाम खास तौर से अच्छा काम नहीं कर रहा है।”
No fuel to fly planes. No lamination paper to print passports.
— Aakash Chopra (@cricketaakash) November 9, 2023
Qudrat Ka Nizaam isn’t particularly working well. https://t.co/Pcfs93xeXo
दरअसल, मसला ये है कि पाकिस्तानी पासपोर्ट बनाने के लिए ये लेमिनेशल पेपर फ्रांस से आयात किया जाता है। अब पाकिस्तान के आर्थिक हालात तो जग जाहिर है उधारी के चक्कर में कंगाल हो चुका है।
ऐसा भी हुआ कि विदेशों से माल लेकर आए कंटेनर बंदरगाहों में ही फँस गए क्योंकि पाकिस्तान के पास कंटेनरों के लिए पैसा ही चुकाने को नहीं था। दूर जाने की जरूरत नहीं इस साल के शुरुआती महीने में ही विदेशों से माल लेकर पाकिस्तानी बंदरगाहों पर पहुँचे 9000 से अधिक कंटेनर फँस गए थे।
कुछ ऐसा ही हाल पासपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले लेमिनेशन पेपर की कमी को देख कर भी लग रहा है। पाकिस्तान के आव्रजन और पासपोर्ट महानिदेशालय (डीजीआई एंड पी) के मुताबिक, पासपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले लेमिनेशन पेपर की कमी है और ये आमतौर पर फ्रांस से आयात किया जाता है। इसी वजह से देश भर में विदेशी यात्रा पर जाने वाले दस्तावेज़ की कमी हो गई है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में ये पहली घटना नहीं है। यहाँ 2013 में भी DGI & P के प्रिंटरों को पैसा न देने और लेमिनेशन पेपर्स की कमी की वजह पासपोर्ट की छपाई ऐसे ही रुक गई थी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, डीजीआईएंडपी के पेरेंट् मंत्रालय, आंतरिक मंत्रालय के मीडिया महानिदेशक कादिर यार तिवाना कहते हैं कि सरकार संकट से निपटने की पूरी कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, “हालात जल्द ही काबू में होंगे और पासपोर्ट जारी करना सामान्य रूप से जारी रहेगा। विभाग ने पहले ही बैकलॉग (पहले से पासपोर्ट बनाने के लिए आए आवेदन) में लगातार कमी देखी गई है।”
वहीं, जोनल ऑफिस सदर, कराची में निदेशक पासपोर्ट और आव्रजन, सईद अहमद अब्बासी से जब पासपोर्ट बनने के वक्त के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार करते हुए कहा कि आधिकारिक तौर पर वह जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं।
मौके की नजाकत इस दौरान पेशावर के पासपोर्ट कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के बयान ने साफ कर दी। इस अधिकारी ने नाम न लेने की शर्त पर कहा कि वो पहले के 3,000 से 4,000 पासपोर्ट के मुकाबले हर दिन अब केवल 12 से 13 पासपोर्ट बना पा रहे हैं।
अब वहाँ आलम ये है कि पासपोर्ट की कमी ने विदेश यात्रा पर जाने का मंसूबा पाले हजारों पाकिस्तानियों को प्रभावित किया है। सबसे अधिक प्रभावित विदेश में रोजगार या पढ़ाई के लिए जाने वाले पाकिस्तानी युवाओं पर पड़ा है।
दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में दाखिले का वक्त नजदीक होने से कई छात्रों ने इस संकट के लिए पाकिस्तान सरकार नाकाबिल और जिम्मेदार ठहराया है।
पेशावर की एक छात्रा हीरा ने कहा कि उसका इटली का छात्र वीजा हाल ही में मंजूर हुआ था और उसे अक्टूबर में वहाँ होना था। उन्होंने कहा, “हालाँकि, पासपोर्ट न मिलने से मुझसे वहाँ जाने का मौका छीन लिया गया।” उन्होंने कहा कि यह गलत है कि वह सरकारी विभाग की नाकाबिलियत की कीमत चुका रही हैं।
उधर दूसरी तरफ पेशावर के रहने वाले मुहम्मद इमरान ने कहा कि वह पासपोर्ट विभाग की लगातार देरी से थक गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग आवेदकों को सच्चाई बताने की जगह लगातार टाल रहा है।