Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयस्तन पकड़ करना चाहा यौन शोषण, विरोध करने पर ईशनिंदा में फँसाया: 2 साल...

स्तन पकड़ करना चाहा यौन शोषण, विरोध करने पर ईशनिंदा में फँसाया: 2 साल की कानूनी लड़ाई के बाद फरीदा हुई FREE

"अगर आरोपित महिला ने लगभग दो से तीन मिनट (जैसा शिकायतकर्ताओं द्वारा दावा किया गया) में पवित्र पुस्तक को जला दिया, तो उसे पूरी तरह से जल जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं है।"

जिस महिला के स्तन छूकर बदमाशों ने उसका यौन शोषण करना चाहा, विरोध करने पर उसी लड़की को ईशनिंदा में फँसा दिया। 2 साल की कानूनी लड़ाई के बाद अब वो लड़की आजाद है। घटना पाकिस्तान की है। लाहौर जिला एवं सत्र अदालत ने दो साल पहले ईशनिंदा की आरोपित महिला फरीदा को बरी कर दिया है। पिछले हफ्ते हुई एक सुनवाई में, अदालत ने आदेश दिया कि अगर वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए।

समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, फरीदा पर ‘रमजान-उल-मुबारक की इबादत’ नामक किताब से पवित्र कुरान की आयतों वाले पृष्ठों को फाड़ने और जलाने का आरोप लगाया गया था। उसके खिलाफ मुहम्मद इरफ़ान ने मामला दर्ज किया था, जिसने खुद ही अपराध का गवाह होने का दावा किया था। 19 दिसंबर, 2020 को फरीदा के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता के तहत FIR दर्ज की गई थी। कार्यवाही के दौरान, बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि फरीदा को ‘शिकायतकर्ता द्वारा गलत मंशा से एक झूठे मामले में फँसाया गया था।

कोर्ट में बहस के दौरान बचाव पक्ष ने यह बताया, “इरफ़ान और उसके दोस्त ने मेरे मुवक्किल के स्तनों को जबरन छूने की कोशिश की और जब उसने उसे रोका तो उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया। आरोपित महिला ने उसी हालत में मुक़द्दस ओराक बॉक्स से किताब ली थी।” तमाम दलीलों के बाद पाकिस्तान के इतिहास में ईशनिंदा का यह मामला इसलिए भी खास बन गया जब 6 जनवरी, 2022 को अदालत ने फैसला सुनाया कि महिला घर जाने के लिए स्वतंत्र है।

अपने फैसले में, न्यायिक मजिस्ट्रेट ने टिप्पणी की कि उन्होंने मामले की संपत्ति (पुस्तक) का अवलोकन किया और पाया, “केवल एक पृष्ठ हार्ड कवर के अंदर चिपका हुआ है, आधा फटा हुआ और थोड़ा जला हुआ है। पुस्तक का मुख पृष्ठ उतना ही सुरक्षित है जितना कि यह एक नई पुस्तक प्रतीत होती है। यहाँ तक ​​कि किताब के अंदरूनी पन्नों से भी पता चलता है कि यह अच्छी स्थिति में है।”

“अगर आरोपित महिला ने लगभग दो से तीन मिनट (जैसा शिकायतकर्ताओं द्वारा दावा किया गया) में पवित्र पुस्तक को जला दिया, तो उसे पूरी तरह से जल जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं है।”

गौरतलब है कि यह मामला यौन शोषण का साबित होने और संदेह का लाभ देते हुए भले कोर्ट ने 2 साल बाद आरोपित फरीदा को बरी कर दिया हो लेकिन पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के तहत जो कोई भी पैगंबर मुहम्मद (पीबीयूएच) के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी करता है, उसे ईशनिंदा के तहत मौत की सजा दी जाती है। यहाँ तक कि कई बार आरोपित बस आरोप लगने भर से कट्टरपंथी मुस्लिमों के आक्रोश का शिकार हो जाता है। हाल ही में श्रीलंका के एक मैनेजर को पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में ही जिन्दा जलाने की खबर भी आई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -