पाकिस्तान के पेशावर में आज (जुलाई 29, 2020) एक मुस्लिम युवक को अदालत के अंदर गोली मार दी गई। उस पर आरोप था कि उसने खुद को पैगंबर बताकर इस्लाम का अपमान किया।
हालाँकि, अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद गोली मारने वाला कोर्ट में कैसे आया। मगर, घटना के बाद उसकी गिरफ्तारी हो गई है। पूछताछ में उसने अपना नाम खालिद खान बताया है। जबकि मृतक का नाम ताहिर शमीम है।
पुलिस ने बताया कि ताहिर को 2 साल पहले ईशनिंदा के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। उसने उस समय खुद को इस्लामिक पैगंबर बताया था।
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— Rahat Austin (@johnaustin47) July 29, 2020
“Prophet of Islam came in my dream & asked me to shoot this man”
Muhammad Khalid killed an accused blasphemer Tahir R/o Pushtkhara in full court during hearing of case in Peshawar, KPK-Pakistan. Murderer is widely praised as a hero by general public,family recieve gifts pic.twitter.com/yWByL34fOR
पाकिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने भी अपने ट्विटर पर इस मामले को शेयर किया है। उनका दावा है कि खालिद ने पकड़े जाने के बाद कहा, “इस्लाम के पैगंबर मेरे सपने में आए और मुझसे इस आदमी को मारने को कहा।”
राहत का कहना है कि इस घटना के बाद पाकिस्तान में युवक को बहुत सराहा जा रहा है और उसे नायक की तरह दर्शाया जा रहा है। वहीं उसके परिवार को तोहफे भी मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा एक दण्डनीय अपराध है। यहाँ यदि कोई इस अपराध के तहत गिरफ्तार होता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा या फिर मौत की सजा सुनाई जा सकती है। लेकिन अगर वह आम जनता के हत्थे चढ़ जाए तो उसे मौके पर मौत दे दी जाती है।
कुछ समय पहले पंजाब प्रांत के राज्यपाल को उनके अपने सुरक्षाकर्मी ने मार दिया था। उनकी गलती ये थी कि उन्होंने एक ऐसी ईसाई महिला आसिया बीबी का साथ दिया जो ईशनिंदा की आरोपित थी। अंतराष्ट्रीय मीडिया में इस बात के तूल पकड़ने के बाद महिला को 8 महीने बाद रिहा कर दिया गया था। लेकिन इस्लामिक कट्टरपंथियों की धमकियों का उसे लगातार सामना करना पड़ा। आखिरकार इन सबसे खुद को बचाते हुए वह पिछले साल कनाडा अपनी बेटी के पास चली गई।