इस्लामी मुल्क ईरान द्वारा यहूदियों के एकमात्र देश इजरायल पर किए गए हमले का फिलिस्तीनी मुस्लिम जश्न मना रहे हैं। वे इजरायल के येरूशलम में स्थित अल अक्सा मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए हैं। वहीं, इजरायल पर हमले के समर्थन में हजारों नागरिक ईरान में इकट्ठा हुए हैं। उधर इजरायल का कहना है कि ईरान द्वारा दागे गए 300 ड्रोन एवं मिसाइल में से 99 प्रतिशत को नष्ट कर दिया गया था।
दरअसल, इस्लामी विचारक इम्तियाज महमूद ने फिलिस्तीनियों के जश्न का एक वीडियो सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि अल अक्सा मस्जिद की दिखने वाली संरचना के बाहर हजारों की संख्या में लोग जुटे हैं और ‘लब्बैक…लब्बैक, या रसूल’ के नारे लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इजरायल पर ईरान के हमले के बाद ये सभी ईरान के समर्थन में जुटे हैं।
Palestinians are celebrating Iran's attack outside the Al Aqsa Mosque in Jerusalem.
— Imtiaz Mahmood (@ImtiazMadmood) April 13, 2024
They did so on Oct 7 too. Fuck around and find out.
Israel never started a war and won 8 wars. pic.twitter.com/LHkysQnQB8
उधर, ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा ‘ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस’ के तहत इजरायल पर किए गए हमले के बाद हजारों ईरानी देश के साथ एकजुटता दिखाने के लिए राजधानी तेहरान के फिलिस्तीन स्क्वॉयर पर पहुँचे। यहाँ पर इन प्रदर्शनकारियों ने रविवार (14 अप्रैल 2024) को ‘इजरायल की मौत’ और ‘अमेरिका की मौत’ के नारे लगाए।
चौराहे पर एक बैनर भी लगाया गया, जिस पर लिखा था, ‘अगला जवाब और कड़ा होगा।’ बैनर-पोस्टर पर इजरायल के यहूदियों को ‘शरण खोजने’ के लिए कहा गया है। इस दौरान ईरान के साथ-साथ फिलिस्तनीन के भी झंडे लहराए गए। प्रदर्शनकारियों ने ‘अल्लाह की जीत निकट है’ लिखे हुए बैनर भी लहराए। प्रदर्शनकारियों ने ईरान के हमले को बदला बताया है।
बता दें कि ईरान ने शनिवार (13 अप्रैल 2024) को हमला इजरायल पर लगभग 300 ड्रोन और मिसाइल दागे। हालाँकि, इजरायल का कहना है कि उसने 99 प्रतिशत ड्रोन-मिसाइल को इंटरसेप्ट करके नष्ट कर दिया। इजरायल ने कहा है कि उसका मल्टीलेयर्ड डिफेंस सिस्टम सफलता से काम कर रहा है।
दरअसल, इजरायल ने 1 अप्रैल 2024 को सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास की पाँच मंजिला कांसुलर एनेक्सी को नष्ट कर दिया गया था। इसमें रिवॉल्यूशनरी गार्ड के सात सैनिक मारे गए थे, जिनमें दो जनरल भी थे। इनमें से एक कुद्स बल के एक वरिष्ठ कमांडर मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी भी थे। इसके बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमेनेई ने बदला लेने की कसम खाई थी।